मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में हर घर को बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना को लॉन्च किया था। इस योजना का पूरा नाम सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य था कि गरीब परिवारों को बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए।
इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने 25 सितम्बर 2017 यानी की पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर की थी। सरकार ने उत्तर प्रदेश, ओडिशा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, दिल्ली, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर पूर्वी जैसे राज्यों के सभी गांव में बिजली पहुंचाना ही अपनी मुख्य जिम्मेदारी समझी।
क्या है सौभाग्य योजना का उद्देश्य ?
स्वतंत्रता के 72 वर्ष बाद भी हिन्दुस्तान में कई परिवार ऐसे हैं जो अधेरे से घिरे हुए हैं। ऐसे में वो परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सौभाग्य योजना का इस्तेमाल कर अपने जीवन से अंधकार को दूर कर सकते हैं। लेकिन इस योजना को बनाए जाने का उद्देश्य क्या रहा होगा ?
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वो जो अंधेरे में जीते आए हैं उन्हें भी रोशनी का अधिकार है। इस पंक्ति को कहीं न कहीं प्रधानमंत्री की सौभाग्य योजना ने पूरा करने का काम किया है। क्योंकि इस योजना का उद्देश्य महज इतना है कि हर परिवार तक हर आवास तक बिजली पहुंचाई जाए।
इस योजना लाभ किसको और कैसे मिलेगा?
- जिन लोगों का नाम 2011 की सामाजिक आर्थिक जनगणना में है उन्हें सौभाग्य योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। हालांकि जिन लोगों का नाम सामाजिक आर्थिक जनगणना में नहीं है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें बिजली का कनेक्शन 500 रुपए में मिल सकता है और यह 500 रुपए भी वह दस आसान किस्तों में दे सकते हैं।
- इस योजना के तहत सरकार ने तय किया है कि जिन इलाकों में बिजली नहीं पहुंची है वहां इसके तहत हर घर को एक सोलर पैक दिया जाएगा, जिसमें पांच एलईडी बल्ब और एक पंखा होगा।
- बिजली से वंचित 4 करोड़ घर के हिसाब से सरकार ने सौभाग्य योजना के लिए 16,000 करोड़ रुपए का बजट रखा है। सौभाग्य योजना के तहत सरकार मिट्टी के तेल का विकल्प बिजली को बनाएगी।
फॉर्म भरने से पहले ये जरूर पढ़ें
सौभाग्य योजना में बिजली कनेक्शन के लिए योजना का फार्म भरकर संबंधित डिवीजन या सब डिवीजन में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ में आधार कार्ड, फोटो, मकान के दस्तावेज, बीपीएल या फिर एपीएल कार्ड की फोटोकॉपी लगानी होगी। जिसके बाद निगम की टीम सत्यापन करेगी और बिजली कनेक्शन जारी करने पर मुहर लगाएगी।
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31 मार्च तक पूरा करना था लक्ष्य
सौभाग्य योजना के तहत हर घर को बिजली पहुंचाने का सरकार ने लक्ष्य रखा था जिसकी अंतिम तिथि 31 मार्च 2019 सुनिश्चित की थी। लेकिन हर घर तक बिजली न पहुंच पाने की वजह से सरकार ने समयसीमा को बढ़ा दिया। जैसे उत्तर प्रदेश में सौभाग्य योजना को 31 दिसम्बर 2019 तक बढ़ा दिया है।
मार्च 2019 में सौभाग्य योजना बंद हो गई। उस वक्त तक इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 97 लाख नए बिजली कनेक्शन जारी किए गए थे। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने बताया था कि कई सारे लोग अलग-अलग कारणों से बिजली कनेक्शन नहीं ले सके। इसलिए उन्होंने केंद्र सरकार से इसकी समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था।
- अनुराग गुप्ता