By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 12, 2019
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को आतंकियों से हथियार छोड़ने का अनुरोध किया और उन्हें वार्ता के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि वार्ता ही एक मार्ग है जिसके जरिए संविधान के दायरे के भीतर जो चाहते हैं वो उन्हें मिल सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को हिंसा के जरिए नहीं झुकाया जा सकता। अपने प्रशासन की उपलब्धियों के बारे में संवाददाता सम्मेलन में मलिक ने कहा कि हमसे हर चीज ले लीजिए, हम अपनी जान देंगे लेकिन प्यार और वार्ता के जरिए। उसके लिए (प्रधानमंत्री)नरेंद्र मोदी तैयार हैं, हम तैयार हैं। वार्ता की मेज पर आएं और इसे आगे ले जाएं।
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उन्होंने कहा कि जो भी आप चाहते हैं उसे वार्ता के जरिए हासिल किया जा सकता है। आपका अपना संविधान है, आपका अलग झंडा है। और भी जो चाहिए वह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए और भारतीय संविधान के दायरे में रहकर मिलेगा। राज्यपाल ने कहा कि आतंकियों को अभी भले इसका अहसास नहीं हो लेकिन 10 वर्ष में पछतावा होगा कि उन्होंने गलत रास्ता अख्तियार किया। मलिक ने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद की समस्या युवाओं में बेरोजगारी के कारण ही मौजूद नहीं है बल्कि कुछ दशकों से नेता भी लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि लोगों को आजादी और कभी-कभी स्वायत्तता के सपने दिखए गए। उन्होंने कहा कि जब ये चीजें काम नहीं करती है तो कट्टरपंथ के जरिए जन्नत का सपना दिखाते हैं। मैं युवाओं से कहना चाहूंगा कि दो स्वर्ग है, एक कश्मीर है और अगर वे अच्छे मुस्लिम बने तो दूसरा भी उन्हें नसीब होगा। कश्मीर में इस्लामिक स्टेट की मौजूदगी के बारे में राज्यपाल ने कहा कि ये कश्मीर की बर्बादी के रास्ते हैं। मलिक ने युवाओं से हथियार छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं कश्मीर के युवाओं को बताना चाहूंगा कि हथियार छोड़ दो और मेरे साथ भोजन करने राजभवन आओ। फिर मुझे बताओ कि जिस रास्ते को तुमने चुना है, उससे कश्मीर को क्या मिलेगा। राज्य में विधानसभा चुनाव के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव करवाने के समय पर चुनाव आयोग फैसला लेगा।