शुक्ला ने बताया कि इस उपलब्धि में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड, वन विभाग और वाइल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट देहरादून का विशेष योगदान रहा। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने मध्य प्रदेश में संभावित स्थलों की पहचान एवं उनकी विशेषताओं के आधार पर उत्कृष्ट स्थलों के चयन का कार्य देहरादून स्थित डब्ल्यू.आई.आई. केटेगरी-2 सेन्टर को सौपा था। लगभग एक वर्ष में एनालाइसिस और फील्ड वर्क के दौरान ऐसे स्थलों की पहचान की गई तथा तथ्यों के अन्वेषण के साथ तीन महत्वपूर्ण कार्यशालाएँ भी आयोजित की गईं। पहली कार्यशाला भोपाल में, दूसरी कार्यशाला ऋषिकेश में और तीसरी कार्यशाला पचमढ़ी में आयोजित की गई। राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में पर्यटन एवं वन विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ वन, पर्यटन एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी सम्मिलित हुए।