विकासजी के वीडियो का है ज़माना (व्यंग्य)

By संतोष उत्सुक | Sep 10, 2019

विकासजी ने युग परिवर्तन कर दिया है। उनके शानदार कारनामों से प्रभावित होकर मैंने अब विकास के साथ जी लिखना शुरू कर दिया है। राष्ट्र और समाज में अच्छा काम कर, परिवर्तन लाने वाले के नाम के साथ हम ‘जी’ तो लगा ही सकते हैं। वास्तव में विकासजी ने हमारी किस्मत और ज़िंदगी दोनों पलट कर रख दी। इस संबंध में एक दुर्घटना का विकसितकरण करते हुए तनिक सा नाटकीयकरण किया गया है, लीजिए पढ़िए। बरसात के मौसम में बढ़िया सड़क खराब हो गई। सुनसान सड़क पर बाइक स्किड हो जाने के कारण एक इंसान का एक्सीडेंट हो गया। लोग आते जाते रहे किसी ने देखा तक नहीं। इंसान का फोन, दिल के पास वाली जेब में था, छिटक कर नई उगी झाड़ियों में गिर गया। इंसान सही तरीके से नहीं गिरा इसलिए टांगें बाइक के नीचे दब गई। वह उठ नहीं सका, लेकिन कुछ देर बाद पास से बाईक पर गुज़रता हुआ एक स्मार्ट युवक रुक गया। गिरे हुए जख्मी इंसान को लगा, युवा नागरिक प्रौढ़ नागरिक को उठाएगा और किसी डाक्टर के पास ले जाकर मरहम पट्टी करवाएगा। 

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स्मार्ट युवक झट से इंसान का विडियो बनाने लगा, अंकल बस यूं ही लेते रहो, ... बन गया .... बस अपलोड कर दूं, अभी आपको उठाता हूं। इंसान को टांग टूटने की आशंका होने लगी, दर्द के साथ बोला, बेटा पहले मेरा मोटर साइकिल उठा दो, वीडियो बनाना ज़रूरी है क्या? बोला, बिल्कुल अंकल बहुत ज़रूरी है, मैंने मम्मी को पटाकर थोड़ी देर पहले नया मोबाइल खरीदा है। इंटरनेट पैक डलवाया है। इस नए मोबाइल में यह मेरा पहला वीडियो है, आज तक किसी एक्सीडेंट का विडियो नहीं बना पाया। मेरे फेसबुक, वाहट्सएप व दूसरे फ्रेंस द्वारा यह बहुत लाईक किया जाएगा। कहीं आप ही बाद में मुझ से न कहें कि विडियो बना ही लेता, मेरा फोन नंबर ले लेना। इतने में बाइक पर दो युवक आ कर रुके बोले, क्या रियल शाट है यार, उतरकर वे भी विडियो बनाने लगे तो इंसान को गुस्सा आने लगा, पहले मुझे हस्पताल पहुंचा दो कहीं मेरी टांग न टूट गई हो। स्मार्ट फोन वाले स्मार्ट बोले, इतना गोल्डन चांस छोड़ नहीं सकते, हम तीनों अलग अलग एंगल से विडियो बनाएँगे और कंपीट करेंगे कि किसने अच्छा बनाया। जिसको ज़्यादा लाईक मिलेंगे वह पार्टी देगा। इंसान ने कहा, बेटा थोड़ा भलाई का काम भी करना चाहिए तो तपाक से जवाब मिला आजकल भलाई का ज़माना नहीं अंकल, विकास और विडियो का ज़माना है। 

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तीनों ने विडियो शूट किए और झट से अपलोड भी कर दिए। इंसान से बोले, अंकल वैसे ग़लती आपकी ही है ठीक तरीके से ड्राइव क्यूँ नहीं कर रहे थे। कोई और मुझे टक्कर मार गया बेटा। विडियोमेकर ने कहा, टेंशन न लो, अभी आप ज़िंदा हो, हम एंबुलेंस के लिए फोन कर देते हैं। इंसान पड़ा रहा, उधर विडियो को लाईक और कमेंट्स मिलने शुरू हो गए। एंबुलेंस की इंतज़ार में इंसान सोच रहा था कि, नेकी कर दरिया में डाल, का समय अब नहीं रहा क्यूंकि दरिया है नहीं इसलिए अब कोई नेकी भी नहीं करता। इंसान समझ रहा है, टाक टाइम बढ़ता जा रहा है लिसनिंग टाइम घट रहा है। इंटरनेट का ज़माना है, मोबाइल डेटा पैकेज की कीमत घटती जा रही है। ज़िंदगी डिजिटल हो रही है। उधर तीनों वीडियो अपलोड हो चुके थे, और लाइक करने या आरआईपी लिखने वाले लाइन में लगे हुए थे।

 

संतोष उत्सुक

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