संसद है या सब्जी मंडी (व्यंग्य)

By बाल मुकुन्द ओझा | Jun 21, 2019

संसद लोकतंत्र का मंदिर है। लोकसभा के नव निर्वाचित सदस्यों ने शपथ ग्रहण के दौरान नारे लगाकर जो नजारा प्रस्तुत किया वह संसदविदों के लिए काबिले गौर है। इस पर निश्चय ही गहन मंथन की जरुरत है। सदस्यों के नारे लगते समय ऐसा लग रहा था जैसे भगवान् शिव की बारात साक्षात् अवतरित हो गयी है। शिव की बारात में नाना प्रकार की बोली, वेशभूषा में देवता, भूत, पिचाश और राक्षस सभी प्रकार के लोग शामिल हुए। कोई बहुत दुबला, कोई बहुत मोटा, कोई पवित्र और कोई अपवित्र वेष धारण किए हुए। लोकसभा में भी विभिन्न पार्टियों के लोगों ने भिन्न भिन्न वेशभूषा और बोली में शपथ लेकर नारेबाजी की। इससे निश्चय ही सदन की गरिमा कम हुई है कोई माने या न माने।

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सोमवार से शुरू हुआ लोकसभा का यह सत्र कई तरह के नारों का गवाह बना। भाजपा सांसद जय श्रीराम, वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारे लगाते रहे। यूपी के उन्नाव से लोकसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा सांसद साक्षी महाराज के सांसद के रूप में शपथ लेने के बाद मंदिर वहीं बनाएंगे के नारे लगने लगे। साक्षी महाराज ने अपनी शपथ में जय श्रीराम शब्द जोड़ा था। इसके जवाब में भाजपा सांसदों ने मेज को थपथपाया और मंदिर वहीं बनाएंगे के नारे लगाए। इसके अलावा विभिन्न पार्टियों ने अपने विचारों के मुताबिक जय हिंद, जय बंगाल, जय काली, जय दुर्गा, जय भीम, नारा−ए−तकबीर अल्लाह−हू−अकबर, राधे राधे, कृष्णम वंदे, जगत गुरु, जय तेजाजी, इंकलाब जिंदाबाद, जय अंबेडकर, जय पेरियार के नारों से संसद को गूंजा दिया। ऐसा लग रहा था जैसे नारों का मुकाबला चल रहा हो और सदस्य एक दूसरे पर नारों की बौछारें कर जंग जीत रहे हो। 

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समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने शपथग्रहण के बाद विवादस्पद बयान देते हुए कहा कि वे वंदे मातरम नहीं कहेंगे क्योंकि यह इस्लाम के खिलाफ है। शपथ ग्रहण के दौरान मोदी−मोदी के चिरपरिचित नारे भी सुने गए। जानकारों का कहना है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ की सदन में सब्जी मंडी की तरह बोली लग रही हो। नारे लगाने वालों में नए और पुराने दोनों तरह के सदस्यों ने भाग लिया। स्पीकर अथवा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने सदस्यों को नारे लगाने से नहीं रोका। संसद में नारे लगाना संसदीय है अथवा असंसदीय यह देखने की बात है। बहरहाल इससे संसद की गरिमा का हृास हुआ है इसमें दो राय नहीं है।

 

बाल मुकुन्द ओझा

वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार

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