वहाँ उपस्थित जन समुदाय से संत हरिगिरी महाराज ने कहा कि युवा पीढ़ी की सोचने की शक्ति समाप्त हो रही है। वहीं शराब से मानवता भी मर रही है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार को मानवता की परवाह नहीं हैं। हालांकि शराब बंदी से होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिये वह अन्य उपायों पर काम करने की बात कह रहे हैं। ज्ञात हो कि संत हरिगिरी महाराज के प्रयासों से गुर्जर समुदाय में विवाह में दहेज और मृत्युभोज जैसी सामाजिक कुरीतियों को न्यूनतम कर दिया है। वहीं समाज के चम्बल किनारे के गांवों में शराबबंदी लागू कर दी गई है। इससे समाज के शिक्षित और विकसित मानसिकता के हजारों युवक संत के अनुयायी हो गये हैं।