सुमित्रा महाजन के आशीर्वाद से शंकर लालवानी ने इंदौर से भरा पर्चा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 26, 2019

इंदौर। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के चुनावी उत्तराधिकारी बनाये गये शंकर लालवानी ने मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र से शुक्रवार को पर्चा दाखिल किया। उनके सामने इस सीट पर भाजपा का 30 साल पुराना कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है। लालवानी (58) ने अपने ज्योतिषी के बताये शुभ मुहूर्त के मुताबिक जिला निर्वाचन कार्यालय में भाजपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर उनके साथ महाजन और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे जिन्होंने अलग-अलग वजहों से चुनाव लड़ने से पहले ही सार्वजनिक तौर पर इंकार कर दिया था।

इसे भी पढ़ें: चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद बोलीं सुमित्रा, मैंने भाजपा को कर दिया चिंतामुक्त

पर्चा भरने के बाद लालवानी ने संवाददाताओं से कहा कि मुझ पर किसी भी तरह का दबाव नहीं है, क्योंकि मुझे भाजपा संगठन पर पूरा भरोसा है। इंदौर से मैं नहीं, बल्कि कमल का फूल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) उम्मीदवार है। इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के चेयरमैन और इंदौर नगर निगम के सभापति रह चुके लालवानी अपने राजनीतिक कैरियर का पहला लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। लम्बी उहापोह के बाद इंदौर सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की 21 अप्रैल को आधिकारिक घोषणा की गयी थी। हालांकि, इस घोषणा से पहले और इसके बाद उन्हें अपनी उम्मीदवारी को लेकर कुछ स्थानीय भाजपा नेताओं का छिटपुट विरोध झेलना पड़ा था। 

दूसरी ओर, कांग्रेस ने इंदौर क्षेत्र से अपने वरिष्ठ नेता पंकज संघवी को प्रत्याशी घोषित किया है। संघवी के राजनीतिक कैरियर का यह दूसरा लोकसभा चुनाव होगा। वह वर्ष 1998 में इंदौर क्षेत्र में ही महाजन से 49,852 मतों से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। ताई  (मराठी में बड़ी बहन का सम्बोधन) के नाम से मशहूर महाजन (76) इंदौर सीट से वर्ष 1989 से 2014 के बीच लगातार आठ बार चुनाव जीत चुकी हैं। लेकिन 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने के भाजपा के नीतिगत निर्णय को लेकर मीडिया में खबरें आने के बाद उन्होंने पांच अप्रैल को खुद घोषणा की थी कि वह बतौर उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी। 

इसे भी पढ़ें: लोकसभा में सांसदों को ममताभरी डांट लगाने वाली ताई ने छोड़ी चुनावी राह

इंदौर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लालवानी के नाम की घोषणा से चार दिन पहले, विजयवर्गीय ने भी खुद को इस सीट के चुनावी टिकट की दावेदारी से अलग कर दिया था। विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी के रूप में अपनी मौजूदा जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए 17 अप्रैल को ट्विटर पर कहा था कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया है।  

प्रमुख खबरें

PM Narendra Modi कुवैती नेतृत्व के साथ वार्ता की, कई क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई

Shubhra Ranjan IAS Study पर CCPA ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने है आरोप

मुंबई कॉन्सर्ट में विक्की कौशल Karan Aujla की तारीफों के पुल बांध दिए, भावुक हुए औजला

गाजा में इजरायली हमलों में 20 लोगों की मौत