मुंबई। वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन का मार्ग परिवर्तित कर उसे ओडिशा के रास्ते भेजे जाने को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल पर तंज कसते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि उनका अनुरोध बस इतना है कि प्रवासी श्रमिकों को ले जाने वाली ट्रेनें घोषणा के मुताबिक अपने गंतव्य तक पहुंचे। हालांकि, शिवसेना की गठबंधन सहयोगी राकांपा ने अलग रुख अपनाया है और कहा है कि गोयल और उनका मंत्रालय दबाव में है और उनके प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुई वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन जो 21 मई को पालघर से रवाना हुई थी लेकिन उस मार्ग पर अधिक रेलगाड़ियां चलने की वजह से उसका मार्ग परिवर्तित कर उसे ओडिशा के रास्ते भेजा गया।
यह ट्रेन ढाई दिन बाद गोरखपुर पहुंची जबकि इसे करीब 25 घंटे में गंतव्य तक पहुंच जाना चाहिए था। श्रमिक स्पेशल ट्रेन को लेकर राजनीतिक खींचतान के बीच गोयल ने रविवार रात को कहा, “हम महाराष्ट्र को 125 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं।” रेल मंत्री ने ट्वीट किया, “चूंकि आपने कहा कि आपके पास एक सूची तैयार है इसलिए मैं आपसे सभी सूचनाएं अगले घंटे में मध्य रेलवे के महाप्रबंधक को उपलब्ध कराने का आग्रह करता हूं जैसे कि ट्रेन कहां से चलेगी, ट्रेनों के मुताबिक यात्रियों की सूची, उनका चिकित्सीय प्रमाण-पत्र और ट्रेन कहां जाएगी आदिताकि हम ट्रेनों के समय की योजना बना पाएं।”
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इस पर टिप्पणी करते हुए राउत ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र सरकार ने आपको श्रमिकों की सूची सौंपी है जो घर जाना चाहते हैं। आपसे केवल यह अनुरोध है कि ट्रेनें स्टेशन पहुंच जाएं जैसा कि पूर्व में घोषणा की गई थी।” शिवसेना से राज्यसभा के सदस्य ने कटाक्ष करते हुए कहा,“गोरखपुर जाने वाली ट्रेन ओडिशा पहुंच गई थी।” हालांकि जब पूछा गया कि रेल मंत्री मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं, तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि भारतीय रेलवे और पीयूष गोयल भी ट्रेनें चलाने का दबाव झेल रहे हैं। पटेल ने कहा, ‘‘उनके प्रयासों की प्रशंसा की जानी चाहिए। हम सराहना करते हैं कि वे ट्रेनें उपलपब्ध करा रहे हैं ताकि लोग घर पहुंच सकें।