Prabhasakshi NewsRoom: Pakistan में हिंदू महिलाओं पर अत्याचार तो बहुत सुने होंगे लेकिन Sandeshkhali में जो हुआ उसे सुन कर रोंगटे खड़े हो जाएंगे

By नीरज कुमार दुबे | Feb 13, 2024

पश्चिम बंगाल में एक महिला मुख्यमंत्री का राज होते हुए महिलाओं के साथ जिस तरह के अमानवीय अत्याचार की खबरें आ रही हैं वह दिल दहला देने वाली हैं। बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद जो राजनीतिक हिंसा शुरू हुई थी उसका शिकार भी सर्वाधिक महिलाएं ही बनी थीं और जब जिस तरह के गुंडाराज के आरोप लग रहे हैं उसकी शिकार भी महिलाएं ही बन रही हैं। आरोप है कि बंगाल के संदेशखालि में तृणमूल नेता शाहजहां शेख के इशारे पर स्थानीय दबंग हिंदू महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते हैं। राज्यपाल ने महिलाओं की आपबीती सुनने के बाद जो कुछ कहा है वह दर्शा रहा है कि इन महिलाओं पर क्या बीती होगी। आश्चर्य इस बात का है कि एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील नहीं है। आश्चर्य इस बात का है कि जब बड़ी संख्या में महिलाएं यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं तब बंगाल पुलिस कह रही है कि हमें सिर्फ चार शिकायत मिली हैं जिसमें यौन उत्पीड़न की एक भी शिकायत नहीं है। यहां सवाल उठता है कि बंगाल में वामपंथियों के आतंक और गुंडाराज को खत्म करने के नाम पर सत्ता में आई तृणमूल कांग्रेस के राज में क्यों एक खास समुदाय के लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं? यहां सवाल उठता है कि तुष्टिकरण की राजनीति से ही क्या बंगाल का भला हो पायेगा?


स्मृति ईरानी का आरोप


संदेशखालि में महिलाओं पर हुए अत्याचार को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक दिन पहले अपने संवाददाता सम्मेलन में जो कुछ कहा था वह हैरान कर देने वाला था क्योंकि अब तक पाकिस्तान में ही हिंदू महिलाओं पर ऐसे अत्याचार होने की खबरें सुनने में आती थीं। स्मृति ईरानी ने तो ममता बनर्जी पर यहां तक आरोप लगाया कि वह अपने कार्यकर्ताओं को महिलाओं पर यौन हमले की छूट दे रही हैं। उन्होंने विभिन्न आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू नरसंहार पर सौदा कर ममता अपनी सत्ता का साम्राज्य चला रही हैं...घर-घर जाकर ममता के गुंडे हिंदू परिवार की छोटी उम्र की बहुओं को उठाकर उनका बलात्कार कर रहे हैं और ममता उस पर चुप्पी साधे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष पर ‘राजनीतिक लाभ’ के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति जैसे कमजोर समुदायों की गरिमा के साथ व्यापार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘सवाल यह है कि क्या नागरिक के तौर पर हम मूकदर्शक बने रह सकते हैं?’ 

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राज्यपाल का दौरा


वहीं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस की बात करें तो उन्होंने सोमवार को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शाहजहां शेख और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रदर्शनकारियों से बात की। इस दौरान राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली सताई हुई महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जाएगी। राज्यपाल बोस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने जो देखा वो भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था। मैंने वो कुछ देखा जो कभी नहीं देखना चाहिए था। मैंने कई चीजें सुनीं जो कभी नहीं सुननी चाहिए थीं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि पर यह सब हुआ।’’ हम आपको बता दें कि राज्यपाल के दौरे के दौरान अपनी पहचान छिपाने के लिए महिलाओं ने अपने चेहरे साड़ी और चुनरी से ढक रखे थे। महिलाओं ने बोस से कई वर्षों तक स्थानीय गुंडों और उनके गिरोह द्वारा प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की। उन्होंने इस समय गिरफ्तार गुंडों द्वारा रिहा होने के बाद उन्हें निशाना बनाए जाने की भी आशंका भी व्यक्त की। राज्यपाल ने कहा कि वह संविधान के प्रावधानों के तहत कानून के अनुसार इससे लड़ेंगे। उन्होंने स्थानीय महिलाओं से कहा, ‘‘चिंता मत कीजिए। आपको न्याय जरूर मिलेगा।’’ संदेशखालि से लौटने के बाद राज्यपाल बोस नयी दिल्ली के लिये रवाना हो गए। 


ममता का पलटवार


वहीं राज्यपाल के संदेशखालि दौरे को ज्यादा तवज्जो न देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “जिन लोगों पर आरोप लगे हैं उन्हें हम पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं।” दूसरी ओर, बढ़ते जनाक्रोश के जवाब में तृणमूल कांग्रेस ने घोषणा की है कि वरिष्ठ नेता पार्थ भौमिक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार दोपहर को स्थिति का आकलन करने के लिए संदेशखालि का दौरा करेगा। इस बीच, संदेशखालि में लगातार छठे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उनके “गिरोह” की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रही हैं। हम आपको बता दें कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में पांच जनवरी को शाहजहां शेख के परिसर में छापे मारने पहुंचे ईडी के अधिकारियों पर भीड़ द्वारा किए गए हमले के बाद से शेख वांछित है। वह इस हमले के बाद से सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आया है। आरोप है कि राज्य सरकार उसे बचाने का प्रयास कर रही है।


मामले का ताजा अपडेट


इस बीच, पश्चिम बंगाल पुलिस का कहना है कि हिंसा प्रभावित संदेशखालि के लोगों से उसे केवल चार शिकायतें मिली हैं लेकिन इनमें से किसी में बलात्कार या यौन उत्पीड़न की बात नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वहां हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए डीआइजी रैंक की एक महिला अधिकारी के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। उन्होंने महिलाओं को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे आग्रह किया कि अगर वे शिकायत दर्ज कराना चाहती हैं तो पुलिस से संपर्क करें। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें चार शिकायत मिली हैं जिनमें से एक में भी दुष्कर्म या किसी सांप्रदायिक तरह की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि एसपी स्तर की एक महिला अधिकारी ने इलाके में घरों का दौरा कर महिलाओं से बात की है। इसके अलावा, पश्चिम बंगाल महिला आयोग के एक दल ने भी सोमवार को संदेशखालि के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और महिलाओं से बात की। आयोग की अध्यक्ष लीना गंगोपाध्याय और एक अन्य महिला सदस्य ने संदेशखालि में अनेक महिलाओं से बातचीत की। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर संदेशखालि में लग रहे आरोपों पर 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है।


तृणमूल कांग्रेस का जवाबी हमला


उधर, यह मुद्दा अब सियासी रंग ले चुका है। पश्चिम बंगाल में ‘हिंदुओं के नरसंहार’ वाली टिप्पणी के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर जोरदार हमला करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने भाजपा पर राज्य को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया। टीएमसी नेता एवं मंत्री बीरबाहा हंसदा ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि भाजपा को विपक्ष-शासित राज्यों में हर घटना का राजनीतिकरण करना है, लेकिन ईरानी को अपना राजनीतिक चश्मा उतार देना चाहिए। मणिपुर से लेकर उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली तक, जहां प्रदर्शनकारी पहलवानों को सड़कों पर घसीटा गया, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने इन मुद्दों पर बात नहीं की।’’ हंसदा ने कहा, ‘‘बंगाल की महिलाएं उन्हें बांटने की कोशिश को खारिज कर देंगी।’’ वरिष्ठ टीएमसी नेता और मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आश्चर्य जताया कि ईरानी भाजपा-शासित डबल इंजन वाले राज्यों, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर चुप क्यों हैं?

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