व्हाट्सएप की टक्कर में आया भारत सरकार का 'संदेश'

By मिथिलेश कुमार सिंह | Jul 31, 2021

बीते दिनों आईटी नियमों को लेकर तमाम सोशल मीडिया कंपनियों और भारत सरकार के बीच अच्छी-खासी विवाद की स्थिति बन गयी थी। 


अन्य सोशल मीडिया कंपनियों के साथ-साथ व्हाट्सएप को लेकर भी गवर्नमेंट के साथ खासा विवाद रहा, और उसके पीछे कारण यह बताया गया कि कोई भी संदेश व्हाट्सएप पर अगर वायरल होता है, और गवर्नमेंट अगर उसकी जानकारी लेनी चाहे, तो व्हाट्सएप को उसका प्राइमरी सोर्स / सबसे पहले भेजने वाले का नाम डिस्क्लोज करना होगा।

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इसे लेकर व्हाट्सएप अपनी मजबूरियां गिनाता रहा कि उसकी चैट एंड टू एंड इंक्रिप्शन पर आधारित है, और खुद कंपनी भी व्हाट्सएप पर क्या संदेश भेजा जाता है, इसको नहीं पढ़ सकती है। इसे लेकर प्राइवेसी सहित दूसरे तमाम तर्क पेश किए गए। गवर्नमेंट की तरफ से भारतीय कानून ना मानने को लेकर कई सोशल मीडिया कंपनियों पर बेहद सख्ती बरतने की बात कही गई, तो उनका इंटरमीडियरीज दायरा समाप्त करने की बात भी कही गई। 


इस बीच इस बात की बड़ी जरूरत महसूस की गई कि भारत के पास अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अलावा व्हाट्सएप का एक मजबूत विकल्प होना चाहिए। खासकर गवर्नमेंट को लेकर, और उसके डाटा को लेकर कंट्रोल गवर्नमेंट के पास ही होना चाहिए। ऐसे में मिनिस्टर आफ स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राजीव चंद्रशेखर द्वारा लोकसभा में संदेश (Sandes) नामक चैट एप्लीकेशन की जानकारी दी गई है। इसे नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा बनाया गया है, जो खुद इंडियन आईटी मिनिस्ट्री के अंतर्गत आता है। 


बता दें कि व्हाट्सएप की तरह ही यह 'संदेश' (Sandes) भी कार्य करता है, एवं इसका लोगो इंडियन फ्लैग के तीन कलर सैफ्रन, वाइट और फ्लैग ग्रीन के साथ बनाया गया है। यूं इसका लोगो व्हाट्सएप से प्रेरित ज़रूर लगता है, किन्तु ओरिजिनल नज़र आता है।


जाहिर तौर पर सन्देश में इंस्टेंट मैसेजिंग को आसान बनाया गया है।


अभी तक मिली जानकारी के अनुसार ओपन सोर्स बेस्ड यह सिक्योर क्लाउड इनेबल्ड प्लेटफॉर्म है, जो सीधे सरकार द्वारा होस्ट किया गया है। मतलब गवर्नमेंट इसका सीधा कंट्रोल अपने पास ही रखना चाहती है। सिंगल चैट, ग्रुप के साथ-साथ ऑडियो वीडियो कॉल्स भी इस फोन से किए जा सकेंगे।

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हालांकि ऑडियो वीडियो कॉल का फीचर कुछ समय बाद आ सकता है, क्योंकि इसके शुरुआती वर्जन में यह शो नहीं हो रहा है। बहरहाल गूगल प्ले स्टोर और आईफोन के ऐप स्टोर से यह एप्लीकेशन डाउनलोड किया जा सकता है।


डाउनलोड करने के बाद इसमें अपने फोन नंबर के साथ आप साइन अप कर सकते हैं, जैसा कि व्हाट्सएप में होता है। फिर आपके फोन नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड, यानी ओटीपी आएगा, और वह ऑटोमेटिकली वेरीफाई होकर आपको साइन अप कर देगा। तत्पश्चात जैसे व्हाट्सएप में आप अपना नाम फिलअप करते हैं, अपनी प्रोफाइल पिक्चर अपडेट करते हैं, इस एप्लीकेशन में भी उसी प्रकार आगे की ओर बढ़ सकते हैं।


फिर यह एप्लीकेशन आपसे अपने कांटेक्ट, फोन बुक, इमेज, वीडियो, ऑडियो के एक्सेस की परमिशन मांगेगा, जो देने के बाद आप आगे बढ़ सकते हैं। हालांकि इसमें एंड टू एंड इंक्रिप्शन है या नहीं, यह अभी कंफर्म नहीं हुआ है। संभवतः आने वाले दिनों में यह तस्वीर साफ होगी।


हालांकि व्हाट्सएप के पॉपुलर होने के पीछे टेक एक्सपर्ट जो सबसे बड़ा कारण बताते हैं, वह उसकी प्राइवेसी पालिसी है। मतलब उसके संदेश एंड टू एंड इंक्रिप्टेड होते हैं, और कोई भी तीसरा व्यक्ति वह संदेश नहीं पढ सकता है, यहां तक कि कंपनी खुद भी इन संदेशों को एक्सेस नहीं कर सकती है।


अगर आप संदेश ऐप इंस्टॉल करके देखते हैं, तो इसकी स्पीड अभी अच्छी दिख रही है, और ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि व्हाट्सएप के टक्कर का यह एप्लीकेशन साबित हो सकता है।

 

हालांकि एक एप्लीकेशन जो पहले से काफी पॉपुलर है, और उसमें बेहतरीन से बेहतरीन फीचर मौजूद हैं, उस ऐप को रिप्लेस कर के कोई अन्य ऐप बहुत ज्यादा पॉपुलर हो जाएगा, इसको शायद ही गारंटी से कोई कह सकता है।


परन्तु इस दुनिया में सब कुछ पॉपुलर है, और अगर सरकारी स्तर पर इसे बेहतर बनाने की ठान ली गई, तो ऐसा कोई कारण नहीं है कि इसकी पापुलैरिटी बढ़ न जाए!


हालांकि व्हाट्सएप वर्ल्ड वाइड बेहद पॉपुलर एप्लीकेशन है, और उसकी मार्केटिंग बेहद शानदार है, पर संदेश को गवर्नमेंट एंप्लाइज के लिए कहीं ज्यादा सेफ माना जा रहा है। सरकारी एजेंसियों में काम करने वाले तमाम लोग इसे इस्तेमाल करना शुरू कर चुके हैं।

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चूंकि इसे गवर्नमेंट रेकमेंड कर रही है, तो सरकारी लेवल पर सूचनाएं सिक्योर रहे, इसके लिए गवर्नमेंट का यह कदम सराहनीय है। अगर इस एप्लीकेशन की हम बात करें तो संदेश ऐप को अभी तक 4.3 की रेटिंग से हंड्रेड के (100k) यानी एक लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है।


पिछले कुछ सालों में है निश्चित रूप से गवर्नमेंट आईटी के लेवल पर काफी एक्टिव हुई है, और डीजी लॉकर जैसे इसके कई एप्लीकेशन बेहद पॉपुलर भी हुए हैं। डीजी लॉकर को तो एक करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है। गवर्नमेंट द्वारा आईटी सेक्टर में और भी कई इनीशिएटिव लिए गए हैं, जो काफी पॉपुलर रहे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि संदेश नामक ऐप अपना स्थान कहां तक बनाता है।


- मिथिलेश कुमार सिंह

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