Eid-ul-Adha 2022: ईद से पहले 11 लाख रूपए में बिके सलमान और शाहरुख, अमृतसरी 'सुल्तान' की कीमत 1 लाख 80 हजार

By प्रिया मिश्रा | Jul 08, 2022

ईद-उल-अजहा से पहले जामा मस्जिद के मीना बाजार में लगने वाली बकरा मंडी में खूब चहल-पहल है। कोरोना के दो साल के बाद मंडी में काफी भीड़ देखने को मिल रही है। लोग यहां दूर-दूर से बकरों की खरीदारी करने के लिए आ रहे हैं। इस समय बकरा व्यापारियों की चांदी है। बकरा व्यापारियों के मुताबिक बाजारों में रौनक लौट आई है। सलमान और शाहरुख नाम के बकरे 11 लाख रुपए में बिके हैं। बाजार में सुल्तान, चिकारा और कई अन्य नामों के बकरे भी मौजूद हैं। 


यहां पर मेवाती तोतापरी, अजमेरी, बरबरा, पंजाबी अमृतसरी दोगला, बामडोले और देसी बकरों की कई नस्लें मौजूद हैं। मीना बाजार और आसपास लगी मंडी में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों के बकरा व्यापारी आए हैं। बकरा व्यापारियों के मुताबिक, इस बार तोतापरी और पंजाबी अमृतसरी बकरों की सबसे ज्यादा मांग है। इनकी कीमत 60 हजार रुपए से लेकर 7 लाख रुपए तक है। व्यापारियों का कहना है कि एक से दो लाख रुपए की कीमत वाले बकरों की बिक्री सबसे ज्यादा है।


व्यापारियों के मुताबिक,  इस बार दुकानों पर काफी भीड़ है। लोग दिल खोलकर बकरों की खरीददारी कर रहे हैं। बाजार में पंजाबी अमृतसरी नस्ल के बकरे की कीमत एक लाख रुपए से शुरू है। यहाँ पंजाबी अमृतसरी नस्ल के बकरे सुल्तान की कीमत 1 लाख 80 हजार रुपए है। व्यापारियों का कहना है कि, महंगाई के कारण हर बकरे की कीमत 3 से 7 हजार रूपए बढ़ गई है। व्यापारियों का कहना है कि चारे की कीमत बढ़ने के कारण बकरों की कीमत भी बढ़ गई है। बाजार में नस्ल के हिसाब से बकरों की कीमत 10 हजार से लेकर 7 लाख तक रखी गई है। पंजाब के तोतापरी सुल्तानी बकरे के मालिक ने बताया कि इस बकरे को कोल्ड ड्रिंक सबसे ज्यादा पसंद है। यह एक दिन में दो लीटर से ज्यादा कोल्ड ड्रिंक पी जाता है। इसकी कीमत 1 लाख 30 हजार रुपए है।

प्रमुख खबरें

Delhi Police का खुलासा, छात्रों को नहीं देनी थी परीक्षा, तो स्कूल को बम से उड़ाने की फर्जी धमकी दे डाली

Sambhal से आई बड़ी खबर, जमीन के नीचे मिली ऐतिहासिक विरासत रानी की बावड़ी, मिट्टी में थी दफन

भारत दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं दे सकता: जयशंकर

National Mathematics Day 2024: रामानुजन के गणितीय सूत्र दुनिया भर के गणितज्ञों के लिए आज भी पहेली हैं