सेमीफाइनल में भारत की हार पर पहली बार बोले सचिन तेंदुलकर, एक मैच के आधार पर टीम का आकलन ठीक नहीं

By अंकित सिंह | Nov 12, 2022

टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के हाथों शर्मनाक हार झेलने के बाद भारत का खिताब जीतने का सपना चकनाचूर हो गया। 2007 के पहले टी20 विश्व कप में टीम इंडिया ने जीत हासिल की थी। तब कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। तब से टी20 विश्वकप का खिताब जीतना भारत के लिए सपना सा बनता जा रहा है। इन सबके बीच सेमीफाइनल में टीम इंडिया की हार पर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का भी बयान सामने आया है। अपने बयान में सचिन तेंदुलकर ने साफ तौर पर कहा है कि एक मैच के आधार पर टीम के बारे में आकलन करना ठीक नहीं है। आपको बता दें कि टीम की हार पर लगातार आलोचना हो रही है। कप्तान और खिलाड़ियों को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। यहां तक कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों के लिए रिटायरमेंट की भी बात की जा रही है।

 

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इन्हीं सबके बीच सचिन तेंदुलकर का यह बड़ा बयान सामने आया है। अपने बयान में सचिन तेंदुलकर ने कहा कि हमें स्वीकार करना चाहिए कि हम सेमीफाइनल में अच्छा स्कोर खड़ा नहीं कर पाए। गेंदबाजी भी बेहद निराशाजनक रही। इसके साथ ही उन्होंने साफ कहा कि सिर्फ इस मैच के आधार पर हमें टीम का आकलन नहीं करना चाहिए, हम नंबर-एक टी-20 टीम हैं जो हम लंबे समय तक अच्छा प्रदर्शन करने के बाद बन पाए हैं। इससे पहले भारती की हार पर उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, वैसे ही जीवन के भी। अगर हम अपनी टीम की सफलता का जश्न अपनी सफलता की तरह मनाते हैं तो हमें अपनी टीम की हार को भी सहने में सक्षम होना चाहिए। जीवन में दोनों साथ-साथ चलते हैं।

 

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माइकल वॉन ने की थी आलोचना

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा था कि भारत ने 2011 में घरेलू धरती पर विश्व कप जीतने के बाद कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है और सीमित ओवरों की क्रिकेट के इतिहास में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली टीम रही है। वॉन ने कहा था कि उनके पास केवल पांच ही गेंदबाजी विकल्प कैसे हो सकते हैं जब 10 या 15 साल पहले भारत के सभी शीर्ष बल्लेबाज थोड़ी बहुत गेंदबाजी कर सकते थे - सचिन तेंदुलकर, सुरेश रैना, वीरेंद्र सहवाग और यहां तक कि सौरव गांगुली? उन्होंने कहा कि कोई भी बल्लेबाज गेंदबाजी नहीं करता इसलिये कप्तान के पास केवल पांच ही विकल्प थे। उनके (भारत) गेंदबाजी विकल्प बहुत कम हैं, उनकी बल्लेबाजी में भी गहराई नहीं है और उनमें स्पिन रणनीति की भी कमी है। 

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