By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 01, 2020
जयपुर। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने चालू वित्तीय वर्ष की प्रथम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)की वृद्धि दर नकारात्मक रहने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसके लिए केन्द्र सरकार की दोषपूर्ण आर्थिक नीतियों व वित्तीय कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया हैं। पायलट ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है जो कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 वर्षों में जीडीपी की यह सबसे बड़ी गिरावट है। विश्व की प्रमुख देशों की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन का फैसला लिया गया, जिसका सीधा असर असंगठित क्षेत्र पर पड़ा, आर्थिक गतिविधियां एकदम बंद हो गई तथा सरकार की आर्थिक नीतियों का लाभ जनता को नहीं मिल पाया जिस कारण जीडीपी में इतनी भारी नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि जीडीपी के आंकडों से साबित हो गया है कि देश की अर्थव्यवस्था ऐसे दौर में पहुंच गई है जिसका बहुत बुरा प्रभाव आगामी समय में मजदूर, किसान, नौजवान सहित आम आदमी पर पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को शीघ्र ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।