By अभिनय आकाश | Sep 23, 2022
राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां अब बेहद तेज हो गई हैं। राहुल गांधी द्वारा चुनाव लड़ने से इनकार करने और एक गैर-गांधी को अध्यक्ष पद पर चाहने की मंशा के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के लिए तैयार हैं। गहलोत ने अपने इरादे की पुष्टि करते हुए कहा, "मैं जल्द ही नामांकन दाखिल करूंगा और यह समय की जरूरत है कि विपक्ष मजबूत हो। राहुल गांधी का बयान सचिन पायलट के लिए एक बड़ी राहत बनकर आया है, जो लंबे समय से सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे हैं और लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। इस बीच राज्य में सीपी जोशी और बीडी कल्ला के बीच जोरदार पैरवी चल रही है, लेकिन अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा। इसके साथ ही पायलट के सोनिया गांधी से मिलने की संभावना है।
सूत्रों के मुताबिक पायलट ने सभी खेमे के कांग्रेस विधायकों से बातचीत शुरू कर दी है। सूत्रों ने कहा कि पायलट ने कई विधायकों के साथ राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की है। उन्होंने उन विधायकों से भी बात की है जो गहलोत के कट्टर विरोधी माने जाते थे। इस पूरी कवायद को बदले हुए राजनीतिक समीकरणों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। पायलट ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ राजस्थान की स्थिति पर भी चर्चा की। कांग्रेस के शीर्ष पद के लिए अशोक गहलोत का नाम आने के बाद से पायलट के समर्थक सक्रिय हो गए हैं। ट्विटर पर सचिन पायलट का हैशटैग ट्रेंड करता रहा। सोशल मीडिया पर पायलट समर्थक लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों ने शुभचिंतकों से शांत रहने की अपील की है। विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने ट्वीट किया, "सभी साथियों से अनुरोध है कि धैर्य और संयम रखें। सत्य की जीत होगी और हमारे नेता सचिन पायलट को उनकी मेहनत का फल जरूर मिलेगा, हमें आलाकमान पर पूरा भरोसा है, इसलिए कोई भी साथी पोस्ट न करे या सोशल मीडिया पर कुछ भी अनावश्यक टिप्पणी करें।