Hathras Stampede में साकार हरि घिरे, जानें उनकी पूरी कहानी, कैसे पत्नी संग करते थे सत्संग

By रितिका कमठान | Jul 03, 2024

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग का आयोजन करने के दौरान भगदड़ मचने के बाद अब तक हादसे में 121 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं और बच्चों की भी जान गई है। जानकारी के अनुसार इस सत्संग का आयोजन नारायण साकार हरि उर्फ साकार विश्व हरि और भोले बाबा ने करवाया था। 

बता दें कि हादसा हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र में हुआ है। यहां नारायण साकार हरि काफी लोकप्रिय माने जाते है। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनका सत्संग सुनने के लिए 2.5 लाख लोगों की भीड़ उमड़ी थी। आइए जानतें हैं कि ये नारायण साकार हरि कौन हैं और इनके सत्संग में इतनी अधिक भीड़ कैसे उमड़ी थी। इतनी भीड़ के कारण ही सत्संग मौत के घाट के रूप में बदल गया।

बता दें कि नारायण हरि उर्फ भोले बाला का असली नाम सूरजपाल है, जो कासगंज जिले के बहादुर नगर के रहने वाले है। बचपन से ही अपने पिता के साथ को खेती करने जाया करते थे। इसके बाद वो पुलिस में भर्ती हुए। पुलिस में 18 वर्षों तक नौकरी की और वीआरएस ले लिया। सूरजपाल हमेशा से आध्यात्म की ओर झुके हुए थे। वर्ष 1990 में जब उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ी तो आध्यात्म की ओर उनका रुझान अधिक बढ़ा और उन्होंने सत्संग करना शुरु कर दिया।

इसी बीच नारायण हरि के एक भाई की मौत हो गई। उनकी मौत के बाद मृतक भाई के नाम पर उन्होंने एक ट्रस्ट की शुरुआत की। कई वर्षों से वो सद्भावना समागम के नाम से सत्संग का आयोजन करते आए है। वो खुद को हरि का शिष्य कहते है। यही कारण रहा कि उन्होंने खुद का नाम सूरजपाल से हटाकर नारायण साकार हरि कर लिया। साकार हरि को वो ब्रह्मांड का मालिक भी बताते रहे है।

पहनते हैं खास पहनावा
उनका पहनावा भी काफी खास होता है। वो सत्संग करने के लिए हमेशा सफेद सूट और नीली टाई पहने दिखाई देते है। मूल रूप से अनुसूचित जाति समाज से ताल्लुक रखने वाले नारायण की पत्नी भी मंच पर उनके साथ बैठी दिखती है। दोनों की कोई संतान नहीं है। आज के समय में उनके अनुयायियों की संख्या लाखों में है। सत्संग में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते है। यहां तक की खुद नारायण ने अपने लिए सुरक्षा की व्यवस्था की हुई है।

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