By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 15, 2020
नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र में नेतृत्व स्तर पर सीमित प्रतिनिधित्व उसकी विश्वसनीयता एवं प्रभाव के लिहाज से एक चुनौती है। उन्होंने बहुपक्षवादी संस्था में सुधार पर भी जोर दिया। ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में जयशंकर ने कहा, ‘‘यदि कोई संस्थान 75 वर्ष पुराना है और चार बार ही बदला है तो आप इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि वह आज के जमाने के लिहाज से पुराना हो चुका है। आज समस्या यह है कि संयुक्त राष्ट्र में नेतृत्व स्तर पर सीमित प्रतिनिधित्व हो रहा है, मेरा खयाल है कि यह इसकी विश्वसनीयता एवं इसके प्रभाव दोनों के लिए कई मायनों में एक चुनौती है।’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की इस विषय में निश्चित ही दिलचस्पी है। लेकिन मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि अफ्रीका जैसे महाद्वीप की ओर भी देखें,यदि 50 से अधिक राष्ट्रों की यहां मौजूदगी ही नहीं है तो सोचिए कि उनके लिए संगठन के कामकाम को लेकर स्वामित्व की भावना क्या होगी।’’ जयशंकर ने कहा कि पी5 राष्ट्र-अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन संरा में चुनाव हारने लगे हैं जो कि एक बदलाव है। इसका मतलब यह है कि उन्हें लेकर सदस्य राष्ट्रों की जो सोच हुआ करती थी अब वह वैसी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आपको बहुपक्षीय संस्था में सुधार करने होंगे, इसमें प्रतिनिधत्व बढ़ाने होंगे। आपको अपना फोन नियमित तौर पर रिफ्रेश करना होता है, उसी तरह संरा में भी किसी को रिफ्रेश बटन दबाना होगा।