By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 07, 2017
वाशिंगटन। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों का मानना है कि रूसी हैकरों ने एक झूठी खबर गढ़ी जिसके कारण सऊदी अरब एवं कई अन्य सहयोगियों के कतर के साथ संबंध समाप्त हो गए तथा राजनयिक संकट पैदा हो गया। सीएनएन ने कहा कि एफबीआई विशेषज्ञ मई के अंत में कतर गए थे ताकि इस कथित साइबर अपराध का विश्लेषण किया जा सके कि हैकरों ने कतर की सरकारी संवाद एंजेसी को हैक कर झूठी खबर प्रसारित की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सऊदी अरब ने कतर के खिलाफ राजनयिक एवं आर्थिक नाकेबंदी शुरू करने के लिए अपने कारण के तौर पर इस झूठी सामग्री का जिक्र किया। सीएनएन के अनुसार कतर सरकार ने कहा कि 23 मई की समाचार रिपोर्ट में अमीरात के शासक के खिलाफ वे झूठी टिप्पणियां की गईं जो ईरान एवं इजराइल के प्रति मित्रवत प्रतीत हुईं और इसमें प्रश्न किया गया कि क्या अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कार्यालय में बने रहेंगे।
कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने प्रसारणकर्ता से कहा कि एफबीआई ने हैकिंग और झूठी खबरें गढ़ने की पुष्टि की है। उन्होंने सीएनएन से कहा, ‘‘जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे गलत सूचना पर आधारित हैं और हमारा मानना है कि पूरा संकट गलत सूचना पर ही आधारित है।’’ थानी ने कहा, ‘‘यह मनगढंत समाचारों के आधार पर आरंभ हुआ, जिन्हें हमारी राष्ट्रीय संवाद एजेंसी को हैक कर उसके माध्यम से प्रसारित किया गया और एफबीआई ने इस बात की पुष्टि की।’’
सऊदी अबर, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात एवं बहरीन ने सोमवार को घोषणा की थी कि वे कतर के साथ राजनयिक संबंधों को समाप्त कर रहे हैं और हवाई, समुद्र एवं भूमि संपर्कों को बंद कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कतर कट्टरपंथी समूहों को बढ़ावा दे रहा है और वह सऊदी अरब के क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी ईरान के एजेंडे को समर्थन देता है। कतर ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार कतर की सरकार के संवाद कार्यालय ने कहा है कि वह हैकिंग संबंधी जारी जांच को लेकर एफबीआई एवं ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी के साथ मिलकर काम कर रहा है।