By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 26, 2023
रूस और बेलारूस ने बृहस्पतिवार को बेलारूसी क्षेत्र पर रूसी परमाणु हथियारों को तैनात करने की प्रक्रिया को औपचारिक रूप देते हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। हालांकि हथियारों का नियंत्रण क्रेमलिन के पास रहेगा। इस कदम ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको द्वारा पहले की गई सहमति को औपचारिक रूप दिया। पुतिन ने इस साल के शुरू में घोषणा की थी कि उनके देश ने बेलारूस में सामरिक, तुलनात्मक रूप से कम दूरी और कम प्रभाव वाले परमाणु हथियारों को तैनात करने की योजना बनाई है।
इस कदम को व्यापक रूप से पश्चिम के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा गया जिसने यूक्रेन के लिए अपना सैन्य समर्थन बढ़ाया है। हथियारों को कब तैनात किया जाएगा इसकी घोषणा नहीं की गई थी, लेकिन पुतिन ने कहा है कि बेलारूस में उनके लिए भंडारण सुविधाओं का निर्माण एक जुलाई तक पूरा हो जाएगा। यह भी स्पष्ट नहीं है कि बेलारूस में कितने परमाणु हथियार रखे जाएंगे। अमेरिकी सरकार का मानना है कि रूस के पास लगभग 2,000 रणनीतिक परमाणु हथियार हैं, जिनमें बम शामिल हैं।
इन्हें विमान द्वारा ले जाया जा सकता है और कम दूरी की मिसाइलों और तोपखानों द्वारा भी इन्हें दागा जा सकता है। रणनीतिक परमाणु हथियारों का उद्देश्य युद्ध के मैदान में दुश्मन सैनिकों और हथियारों को नष्ट करना है। करार पर हस्ताक्षर तब हुए जब रूस यूक्रेन के बहुप्रतीक्षित जवाबी हमले के लिए तैयार हो गया। रूसी और बेलारूसी दोनों अधिकारियों ने पश्चिम से शत्रुता से प्रेरित यह कदम उठाया।
बेलारूस के रक्षा मंत्री विक्टर ख्रेनिन ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु के साथ बैठक के दौरान मिन्स्क में कहा, “गैर-रणनीतिक परमाणु हथियारों की तैनाती हमारे लिए अमित्र देशों की आक्रामक नीति का प्रभावी जवाब है।” शोइगु ने कहा, “रूस और बेलारूस की पश्चिमी सीमाओं पर जंग के जोखिम में तीव्र वृद्धि के संदर्भ में सैन्य-परमाणु क्षेत्र में जवाबी उपाय करने का निर्णय लिया गया था।