By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 19, 2021
मॉस्को। रूसी प्राधिकारियों ने एक प्रमुख स्वतंत्र चुनाव निगरानी समूह को अपने ‘‘विदेशी एजेंटों’’ की पंजी में शामिल किया है। यह कदम सरकार की सितंबर में होने वाले संसदीय चुनाव के मद्देनजर स्वतंत्र मीडिया और कार्यकर्ताओं पर लगातार कार्रवाई का ही हिस्सा है। यह दूसरी बार है, जब रूस के अग्रणी चुनाव निगरानी समूह ‘गोलोस’ को ‘‘विदेशी एजेंट’’ की सूची में रखा गया है जिसका मतलब है कि उसकी और सख्त सरकारी जांच होगी। इस समूह की स्थापना 2000 में हुई थी।
गोलोस के सह अध्यक्ष ग्रिगोरी मेलकोन्यांट्स ने फेसबुक पर एक बयान में कहा, ‘‘हमें कोई शक नहीं है कि मतदान के दिन से महज एक महीने पहले स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षकों के सबसे बड़े समुदाय पर यह हमला रूसी नागरिकों को उस अधिकार से वंचित करने की कोशिश है जिसे संवैधानिक अदालत चुनाव नतीजों की जनता की मान्यता के तौर पर देखती है।’’ रूस में 19 सितंबर को होने वाले संसदीय चुनाव से पहले स्वतंत्र मीडिया, पत्रकारों, विपक्षी समर्थकों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर दबाव बढ़ा है जिसे 2024 में होने वाले अगले राष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अपने शासन को मजबूत करने के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है।