G7 Summit में Russia व China पर कसी गयी नकेल, Modi-Zelenskyy मुलाकात पर Russian President Putin की नजर

By नीरज कुमार दुबे | May 19, 2023

दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह जी-7 का 49वां वार्षिक शिखर सम्मेलन जापान के हिरोशिमा में शुरू हो गया है। देखना होगा कि वैश्विक चुनौतियों और खुद जी-7 देशों के समक्ष खड़ी चुनौतियों का यहां क्या हल निकलता है। हिरोशिमा में तीन दिवसीय जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संकट पर तो चर्चा हो ही रही है साथ ही इसमें जलवायु संकट और महामारी जैसे दुनिया को सबसे अधिक प्रभावित करने वाले मुद्दों पर भी चर्चा होगी। जापान की अध्यक्षता और मेजबानी में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने पहले सत्र में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में यूक्रेन संकट पर प्रकाश डाला। जापानी प्रधानमंत्री ने G7 नेताओं को दृढ़ रहने और "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों को हल करने" का आह्वान किया। माना जा रहा है कि हिरोशिमा में विश्व नेताओं का यह जो जमावड़ा लगा है वह चीन और रूस पर मुख्य रूप से निशाना साधने के लिए है। ऐसा इसलिए क्योंकि जी-7 सदस्य देशों ने रूस पर प्रतिबंध बढ़ाने और यूक्रेन को और सहायता मुहैया कराने पर भी सहमति जताई है।


जेलेंस्की भी आये हैं?


इसी बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर ज़ेलेंस्की भी व्यक्तिगत रूप से जी-7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। इस दौरान उनके भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य नेताओं से मुलाकात करने की संभावना है। यदि मोदी और जेलेंस्की की मुलाकात होती है तो यह रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात होगी। हालांकि दोनों नेता फोन पर कई बार बात कर चुके हैं। साथ ही यूक्रेन विदेश विभाग की उप-मंत्री भी हाल ही में भारत के दौरे पर आई थीं। जेलेंस्की का जापान पहुँचना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह हाल ही में यूरोपीय देशों की यात्रा करके भी आये हैं।


नेताओं का स्वागत


उधर, जी-7 बैठक में भाग लेने आये अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक आदि नेताओं का जापान की ओर से भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद सभी नेताओं ने हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क का दौरा किया और वहां माल्यार्पण किया। जी-7 नेताओं की पत्नियों ने भी हिरोशिमा के पीस मेमोरियल पार्क में फूल चढ़ाए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज भी कुछ समय पहले जापान पहुँचे हैं जहां उनका भव्य स्वागत किया गया।

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द्विपक्षीय मुलाकातें


जी-7 नेताओं की द्विपक्षीय मुलाकातों की बात करें तो आपको बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के आपसी महत्व से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत तो हुई ही साथ ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ब्रिटेन-जापान आर्थिक, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए एक नया “हिरोशिमा समझौता” भी किया। ब्रिटेन-जापान वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को इस क्षेत्र में चीनी प्रभुत्व के प्रति संतुलन के रूप में देखा जा रहा है और इसके तहत प्रमुख क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन को मजबूत करने के लिए “महत्वाकांक्षी” अनुसंधान एवं विकास सहयोग और कौशल विनिमय को आगे बढ़ाने के वास्ते एक सेमीकंडक्टर साझेदारी भी शामिल है। ब्रिटेन ने यह भी पुष्टि की कि उसका कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीएसजी) युद्धपोत 2021 में भारत सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र की पहली यात्रा के बाद 2025 में इस क्षेत्र में वापस आ जाएगा। हम आपको बता दें कि ऋषि सुनक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम हमले के गवाह बने हिरोशिमा का दौरा करने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्होंने कहा, “जापान के साथ ब्रिटेन के रिश्तों के इस ऐतिहासिक पल में तोक्यो और हिरोशिमा का दौरा करना एक विशेषाधिकार है।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री (फुमियो) किशिदा और मैं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति व सुरक्षा बरकरार रखने और मुक्त और निष्पक्ष व्यापार सहित हमारे मूल्यों की रक्षा करने के महत्व पर निकटता से जुड़े हुए हैं। हिरोशिमा समझौते से हम अपने सशस्त्र बलों के बीच सहयोग बढ़ा पाएंगे, हमारी अर्थव्यवस्थाओं का एक साथ विकास होगा और हमारी विश्व-अग्रणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता विकसित होगी। यह ब्रिटेन और जापान की फूलती-फलती साझेदारी में एक रोमांचक अगले चरण का प्रतीक है।”


प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम


जहां तक भारतीय प्रधानमंत्री के जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की बात है तो आपको बता दें कि मोदी सम्मेलन के तीन सत्रों में हिस्सा लेंगे। साथ ही, वह जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सहित कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। माना जा रहा है कि शनिवार को मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर जेलेंस्की के बीच भी बैठक होने की संभावना है, लेकिन इस संबंध में अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है। दोनों पक्ष प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा में जुटे हुए हैं। हम आपको बता दें कि जेलेंस्की जापान के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं। जापान इस समूह का मौजूदा अध्यक्ष है। यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था। यह यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमला शुरू होने के बाद यूक्रेन के किसी प्रमुख नेता की भारत की पहली यात्रा थी। झापरोवा ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को एक पत्र सौंपा था। यह पत्र जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखा था। यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके यूक्रेनी समकक्ष जेलेंस्की से फोन पर कई बार बात कर चुके हैं। पिछले साल चार अक्टूबर को जेलेंस्की से फोन पर हुई बातचीत में मोदी ने कहा था कि ‘कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता’ और भारत शांति स्थापना के किसी भी प्रयास में सहयोग देने के लिए तैयार है। हम आपको यह भी बता दें कि भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है। उसने हमेशा कहा है कि वार्ता और कूटनीति के जरिये इस संकट का समाधान निकाला जाना चाहिए। बताया जा रहा है कि मोदी और जेलेंस्की की मुलाकात की खबर सुन कर रूस हैरान है और उसकी नजर इस मुलाकात पर लगी हुई है। बहरहाल, हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी जापान में जी-7 बैठक के अलावा विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे और साथ ही क्वॉड देशों की बैठक में भी भाग लेंगे। देखना होगा कि इन बैठकों में होने वाले मंथन से कितना अमृत निकलता है।

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