By रितिका कमठान | Nov 16, 2024
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार गंभीर स्तर पर बना हुआ है। प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने भी कई कदम उठाए है। दिल्ली सरकार के निर्देशों के बाद शुक्रवार से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तीसरे चरण को लागू किया गया है।
इस तीसरे चरण के तहत एनसीआर के दो प्रमुख यूपी शहरों में बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के दो शहरों में सड़कों से लगभग चार लाख वाहनों को हटाया जाएगा। जीआरएपी 3 के तहत बीएस III (पेट्रोल और डीजल) और बीएस IV (डीजल) गाड़ियों को सड़क पर चलाना बैन हो गया है। अब दिल्ली, गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में गाड़ियां नहीं चल सकेंगी। आंकड़ों के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में ऐसे 1.8 लाख वाहन और गाजियाबाद में 2 लाख वाहन है।
इस मामले पर पुलिस और परिवहन विभाग का कहना है कि जीआरएपी 3 निर्देश को सख्ती से लागू किया जाएगा। यात्रियों ने कहा कि राज्य सरकार को सार्वजनिक परिवहन में सुधार करने की जरुरत है। नोएडा में कुल 10.4 लाख रजिस्टर्ड वाहन हैं, जिनमें से 1.4 वाहन बीएस III श्रेणी के हैं, जिसमें 96,210 पेट्रोल और 41,067 डीजल के वाहन है। शहर में 41,516 बीएस IV डीजल वाहन भी रजिस्टर्ड हैं। गाजियाबाद में कुल 1.7 बीएस III वाहनों में से 1.6 लाख पेट्रोल और 10,931 डीजल वाहन हैं। अन्य 75,651 वाहन बीएस IV डीजल श्रेणी में आते हैं।
नोएडा के सहायक आरटीओ (प्रवर्तन) उदित नारायण पांडे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि विभाग आरडब्ल्यूए और एओए से संपर्क करेगा। निवासियों को सूचित करने का आग्रह किया जाएगा कि वे प्रतिबंधित श्रेणी में आने वाले वाहनों का उपयोग न करें। सड़कों पर जांच भी बढ़ाई जा सकती है और जीआरएपी 3 मानदंडों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त किया जा सकता है।
मजबूत सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क के अभाव में यात्रियों, विशेषकर जो अपने कार्यस्थल तक पहुंचने के लिए कार या कैब पर निर्भर हैं, ने कहा कि अब उन्हें प्रत्येक सुबह यात्रा के वैकल्पिक साधनों की तलाश करनी होगी। अन्य बातों के अलावा, GRAP 3 निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों तथा कच्ची सड़कों पर C&D सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाता है।