By अनुराग गुप्ता | Jun 15, 2022
पटना। सेना की नई भर्ती योजना 'अग्निपथ' को लेकर बिहार में बुधवार को जमकर बवाल हुआ। इसके साथ ही सेना के लिए होने वाली लिखित परीक्षा में हो रही देरी को लेकर भी युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की बैठक में 'अग्निपथ' को मंजूरी प्रदान की गई। जिसको लेकर बिहार में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
केंद्र सरकार के ऐलान के एक दिन बाद ही प्रदर्शन शुरू हो गए। बक्सर और दानापुर में प्रदर्शनकारियों ने रैलवे ट्रैक को मुजफ्फरपुर में सड़क को जाम कर दिया। इसके अलावा कुछ जगहों से आगजनी की भी खबरें सामने आई। जिसमें मुजफ्फरपुर का माड़ीपुर इलाका शामिल है। हालांकि पुलिस ने मामले को प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन प्रदर्शनकारी मामले के लिए तैयार ही नहीं हैं और उन्होंने अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने की मांग की।
4 साल के लिए होगी सेना में भर्ती
केंद्र सरकार ने तीनों सेना (सेना, नौसेना और वायुसेना) में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना बनाई है। इसके माध्यम से 4 साल के लिए तीनों सेना में युवाओं की भर्ती की जाएगी। इसकी प्रक्रिया 90 दिनों के भीतर शुरू कर दी जाएगी। इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले जवानों का अग्निवीर कहा जाएगा। इतना ही नहीं सेना में 4 साल की अपनी सेवा देने के बाद जवानों को अलग-अलग सेवाओं में प्राथमिकता भी दी जाएगी। जैसे मध्य प्रदेश और हरियाणा सरकार ने सरकारी नौकरी में वारीयता देने की बात कही है।
CAPF और असम राइफल्स में मिलेगी प्राथमिकता
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को ऐलान किया कि अग्निपथ योजना के तहत 4र साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा कि अग्निपथ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है। इस संबंध में आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।