By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 07, 2021
बेंगलुरु। राज्य भर में सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल से बस सेवा प्रभावित होने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बुधवार को संकेत दिया कि आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एसमा) लगाने का फैसला स्थिति पर निर्भर करेगा। लोगों को हो रही असुविधा का हवाला देते हुए उन्होंने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि हड़ताल के पीछे कुछ लोगों के “स्वार्थी इरादे” हैं। येदियुरप्पा ने कहा, “हमने उनकी (कर्मचारियों) नौ मांगों में से आठ को पूरा कर दिया है, इसके बावजूद वे जिद पर अड़े हुए हैं और बसें रोक दी हैं तथा जनता के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं उनसे काम पर लौटने का आग्रह करता हूं, हम बात कर सकते हैं।” येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने अंतरिम राहत के तौर पर वेतन में आठ प्रतिशत बढ़ोतरी करने पर सहमति जताई है लेकिन इसे तत्काल लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि आचार संहिता लागू है और अनुमति के लिए चुनाव आयोग को एक पत्र भेजा गया है। उन्होंने कहा, “भले ही हमने निजी संचालकों की मदद से वैकल्पिक व्यवस्था कर दी है, इसके बावजूद वे (आरटीसी कर्मचारी) हड़ताल पर जा रहे हैं जो गलत है। उन्हें हमें सख्त कदम उठाने पर मजबूर नहीं करना चाहिए औरसहयोग करना चाहिए।”
बेंगलोर महानगरीय परिवहन निगम (बीमटीसी), कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी), उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनकेडब्ल्यूआरटीसी), और उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (एनईकेआरटीसी) के कर्मचारियों ने कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन कर्मचारी संघ के बैनर तले सात अप्रैल से हड़ताल बुलाई है। यह हड़ताल आरटीसी कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने में सरकार की “विफलता” के खिलाफ बुलाई गई है।