होने वाली माँ की हर एक्टिविटी का असर उसके आने वाले बच्चे पर भी पड़ता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपना विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। यदि आप भी बच्चे को जन्म देने वाली हैं तो अपने आस-पास ऐसी चीजें बिलकुल भी ना रखें जिसका आपके आने वाले बच्चे पर नकारात्मक असर पड़े। प्रेग्नेंसी के दौरान वास्तु के कुछ नियमों को अपनाकर आप स्वस्थ और संस्कारी बच्चे को जन्म दे सकती हैं और प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली परेशानियों से भी बची रहेंगी।
किस दिशा में हो आपका बेड
बेड को हमेशा दक्षिण उत्तर या फिर पूर्व पश्चिम की दिशा में ही रखें। होने वाली माँ का सिर यदि दक्षिण में होगा तो आपका बच्चा स्वस्थ और खुशमिजाज होगा। होने वाली माँ के बेड के नीचे टूटी-फूटी और पुरानी चीजें जमा नहीं होनी चाहिए।
कैसे करायें रंग रोगन
कमरें की दीवारें बहुत चटकीले रंग की नहीं होनी चाहिये। कमरें में काले, भूरे, लाल, या नीले रंग का प्रयोग नहीं होना चाहिये। बहुत गहरे रंगों के इस्तेमाल से गर्भवती महिला डिप्रेशन का शिकार हो सकती है। होने वाली माताओं का कमरा हल्के रंगों जैसे गुलाबी या पीले रंग, हल्के सुनहरे, आसमानी ब्लू हो सकता है इससे आप खुशमिजाज रहेंगी जिसका आपके होने वाले बच्चे पर भी असर होगा। कमरा अगर गुलाबी रंग का हो तो बहुत अच्छा है। यह रंग खुशी का प्रतीक माना जाता है।
कमरे में रखें तांबे की वस्तुऐं
होने वाली माँ के कमरे में तांबे की कोई वस्तु या कोई तांबे का सजावटी सामान रख सकते हैं। इससे कमरें में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। तांबे की वस्तुएं माँ और बच्चा दोनों को बुरी नज़र से भी बचा के रखेगा।
कमरें में लगायें मुस्कुराते हुए बच्चों तस्वीर
मुस्कुराते हुए बच्चों की तस्वीर हर किसी को अच्छी लगती है। इसे अगर किसी गर्भवती महिला के कमरे में लगाया जाये तो उस महिला का मन प्रसन्न रहता है। महिला के बेड के सामने ही यह तस्वीर लगायें।
कमरे में लगायें मोरपंख
होने वाली माँ के कमरे में मोरपंख लगाना वास्तु के नजरिये से अच्छा माना जाता है। यह मां और बच्चे दोनों को पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर रखता है। इसका सम्बन्ध भगवान कृष्ण से भी है इससे आपको उत्तम संतान की प्राप्ति होगी। मोरपंख के साथ बांसुरी भी रख सकते हैं।
कमरे में रखें अच्छी किताबें
होने वाली माताओं के कमरे में अच्छी किताबें होनी चाहिए। आप चाहें तो कोई धार्मिक पुस्तक भी रख सकती हैं।