By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 25, 2024
गांधीनगर । गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सरकारी योजनाओं को पूरी तरह से लागू करने के लिए जनशक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है ताकि सुशासन का लाभ पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके। पटेल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 100वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने गरीबों को अपनी शासन प्रणाली के केंद्र में रखकर सुशासन का उदाहरण पेश किया। मुख्यमंत्री सुशासन दिवस के मौके पर राज्य वन विभाग में चयनित 848 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2014 में वाजपेयी के जन्मदिन को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था।
पटेल ने नवनियुक्त कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि वन विभाग में शामिल होने वाले युवाओं को प्रकृति द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्होंने उन्हें पर्यावरण को बचाने के लिए काम करते हुए राज्य के विकास में शामिल होने के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ‘‘(प्रधानमंत्री) नरेन्द्र भाई (मोदी) ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के माध्यम से सुशासन के इस मंत्र को आगे बढ़ाया और देश के विकास के लिए सभी कल्याणकारी कार्यक्रमों के केंद्र में गरीब और मध्यम वर्ग को रखा।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सुशासन का असर पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक हो, इसके लिए प्रधानमंत्री ने सरकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत लाभ लोगों तक पहुंचाने का मंत्र अपनाया है और इस कार्य को पूरा करने के वास्ते राज्य के लिए जनशक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।’’ पटेल ने कहा कि सरकारी सेवा में और अधिक कार्यबल जोड़ने का कार्यक्रम सुशासन के उत्सव को सार्थक बनाता है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने ज्ञान (जीवाईएएन) यानी गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी शक्ति को सुशासन के साथ राष्ट्र निर्माण से जोड़कर विशेष महत्व दिया है।’’
पटेल ने कहा कि उनके पदचिन्हों पर चलते हुए राज्य सरकार ने ‘‘विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात’’ के वास्ते ‘ज्ञान’ आधारित विकास पर ध्यान केंद्रित किया है और युवा इसके महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत आर्थिक विकास और जलवायु कार्रवाई के बीच संतुलन बनाने में सबसे आगे रहा है। पटेल ने कहा, ‘‘जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं, स्थिरता के लिए संतुलन महत्वपूर्ण है और वे हमें प्रकृति के साथ संतुलन बनाना सिखाते हैं। उन्होंने हमेशा प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ विकास पर जोर दिया है, न कि प्रकृति की कीमत पर।