By अभिनय आकाश | Jul 04, 2024
यूके यानी यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दन आईलैंड। इसमें चार इलाके, इंग्लैंड, स्कॉर्टलैंड, वेल्स और नॉर्दन आईलैंड आते हैं। पॉपुलर टर्म में इसे ब्रिटेन कहते हैं। ब्रिटेन में 4 जुलाई यानी आज के दिन चुनाव हो रहा है। जो भी दल इस चुनाव में बहुमत हासिल करेगा, उसके नेता को प्रधानमंत्री की कुर्सी मिलेगी। वैसे तो सुनक के पास चुनाव कराने के लिए 28 जनवरी 2025 तक का समय था। मगर छह महीने पहले की डेट देकर उन्होंने सभी को चौंका दिया।
कैसे होता है यूकी की संसद का चुनाव
यूके की संसद में भारत की तरह दो सदन है। ऊपरी सदन का नाम हाउस ऑफ लॉर्डस है। इसके सदस्यों की संख्या घटती बढ़ती रहती है। दिसंबर 2023 में हाउस ऑफ लॉर्डस में 784 सदस्य थे। इनमें राजनेता, विभिन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ और धार्मिक पदों पर आसीन व्यक्ति थे। अधिकतर सदस्यों की नियुक्ति राजा प्रधानमंत्री के सलाह पर करते हैं। हाउस ऑफ लॉर्डस अप्वाइंटमेंट कमीशन प्रधानमंत्री के प्रस्तावित नामों पर अड़ंगा लगा सकता है। हालांकि प्रधानमंत्री की सलाह सर्वोपरि है। हाउस ऑफ लॉर्डस के सदस्यों को पियर्स कहते हैं। निचले सदन का नाम हाउस ऑफ कॉमर्न हैं और इसमें 650 सीटें है। इसके सदस्यों का चुनाव जनता के डॉयरेक्ट वोटों से होता है।
सीटों का बंटवारा कैसे हुआ
इंग्लैंड | 543 |
स्कॉटलैंड | 57 |
वेल्स | 32 |
नॉर्दन आइलैंड | 18 |
क्या है चुनाव की प्रक्रिया
अलग अलग सीटों के लिए उम्मीदवार नामांकन भरते हैं। उनकी जांच पड़ताल होने के बाद बैलेट पेपर पर नाम चढ़ेगा। ब्रिटेन में बैलेट पेपर से वोटिंग होती है। वोटिंग वाले दिन मतदाता अपनी पसंद के कैंडिडेट के नाम पर मुहर लगाएंगे। जिस कैंडिडेट को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे उनको विजेता घोषित किया जाएगा। वो संभवित सीट के प्रतिनिध बनकर संसद पहुंचेंगे।
कौन चुनाव में खड़े नहीं हो सकते
पुलिस फोर्स के सदस्य
फौज के सदस्य
सिविल सर्वेंट्स और जज
जिनके ऊपर इंग्लैंड या वेल्स में दीवालियेपन से जुड़े प्रतिबंध लगे हो
कौन चुनाव में वोट डाल सकता है
यूके की कुल आबादी छह करोड़ 70 लाख है। वोट डालने के लिए न्यूनतम उम्र 18 बरस है। यूके की किसी संसदीय क्षेत्र से रजिस्टर्ड होना चाहिए। किसी अदालत ने वोट डालने के लिए अयोग्य न ठहराया हो।
कौन कौन कर सकता है नामांकन
संसदीय सीट पर आधारित सिस्टम है। हर सीट पर 60 हजार मतदाता होते हैं। ब्रिटेन में कुल 650 सीटे हैं। मोटे तौर पर जिस पार्टी को सर्वाधिक सीटें मिलती है वो जीत जाती है। उम्मीदवार होने के लिए कम से कम 18 साल की उम्र, ब्रिटिश, आयरिश या राष्ट्रमंडल नागरिकता जरूरी है। उम्मीदवार अभिजात वर्ग का व्यक्ति, पागल, कैदी नहीं होना चाहिए। ब्रितानी चुनाव प्रक्रिया छोटी होती है। कानून ये 25 दिन से ज्यादा नहीं हो सकती। चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आम तौर पर दो मुख्य दलों में किसी एक को बहुमत हासिल हो जाता है और उसका नेता प्रधानमंत्री बन जाता है। लेकिन 2010 चुनाव में त्रिशंकु संसद चुनी गई। इसका मतलब की कोई भी पार्टी 326 सीट के बहुमत तक नहीं पहुंच सकी। चुनाव के बाद ब्रिटिश किंग किसी दल के नेता को प्रधानमंत्री बनने के लिए बुलाएंगे।
क्या है इस चुनाव का मुद्दा
अर्थव्यवस्था | 52 % |
स्वास्थ्य | 50 % |
आवास | 24 % |
पर्यावरण | 20 % |
अपराध | 18 % |
राष्ट्र रक्षा | 15 % |
शिक्षा | 14 % |
ब्रेग्जिट | 13 % |
टैक्स | 13 % |
अप्रवासन शरण | 40 % |
24 जून 2024 को हुए यूगॉव के सर्वे के अनुसार ब्रिटेन के वोटर्स ने अपने सबसे बड़े मुद्दे के रूप में इन विषयों को चुना।
इस बार सर्वे के क्या अनुमान हैं?
2019 में 67.3% वोटिंग हुई थी। तब सुनक की कंजरवेटिव पार्टी को 365, कीर स्टारमर की लेबर पार्टी को 202 और लिबरल डेमोक्रेट्स को 11 सीटें मिलीं थी। इस बार अधिकांश सर्वे में कंजरवेटिव पार्टी की करारी हार की आशंका जताई है। यूगोव के सर्वे के मुताबिक लेबर पार्टी को 425, कंजरवेटिव को 108, लिबरल डेमोक्रेट को 67, एसएनपी को 20 सीटें मिल सकती है।
सरकार बनाने के लिए कितनी सीट चाहिए?
भारत की तरह ब्रिटिश संसद के भी दो सदन है। लोवर सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) की 650 सीटों के लिए मतदान होगा। जिस पार्टी को 50% सीटें या 326 से ज्यादा सीटें मिलेगी, वह राजा के समक्ष सरकार बनाने का दावा कर सकती है।
पहले लेबर पार्टी कब सत्ता में थी?
1997 से 2007 तक लेबर पार्टी की ओर से टोनी ब्लेयर पीएम थे। फिर 2007 से 2009 तक गोर्डन ब्राउन पीएम रहे। लेबर पार्टी के कार्यकाल के दौरान अफगानिस्तान और इराक युद्ध के अलावा 2007 से 2009 की वैश्विक मंदी का दौर था। 6.70 करोड़ आबादी वाले ब्रिटेन में प्रति व्यक्ति आय 38.5 लाख रु. है। महंगाई दर 2%, खाद्य महंगाई दर 1.7% और बेरोजगारी दर 4.4% है।