By पल्लवी धीमान | Nov 05, 2022
रूमेटाइड गठिया एक पुरानी सूजन संबंधी विकार है जो सिर्फ आपके जोड़ों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है। वहीं कुछ लोगों में, यह स्थिति त्वचा, आंख, फेफड़े, हृदय और रक्त वाहिकाओं सहित शरीर की विभिन्न प्रणालियों को भी नुकसान पहुंचा सकती है। एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, रुमेटाइड गठिया तब होता है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से आपके शरीर के ऊतकों पर हमला करती है। यह अवस्था ऐसी होती है जब आपके पूरे शरीर में दर्द, सूजन और अकड़न आने लगती है। अक्सर यह रोग पुरूषो की तुलना में महिलाओं में ज़्यादा देखने को मिलता है।
रूमेटाइड गठिया के लक्षण
रूमेटाइड गठिया के लक्षण हल्के में लेने से गंभीर भी हो सकते हैं। जोड़ों की अवस्था कोमल, गर्म, सूजी हुई हो जाती है। संयुक्त कठोरता जो आमतौर पर सुबह बिस्तर से उठने के बाद बदतर हो जाती है। इसके साथ ही थकान, बुखार और भूख न लगना इसके सामान्य लक्षण है। विशेष रूप से वे जोड़ जो आपकी उंगलियों को आपके हाथों से और आपके पैर की उंगलियों को आपके पैरों से जोड़ते हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, लक्षण अक्सर कलाई, घुटनों, टखनों, कोहनी, कूल्हों और कंधों तक फैल जाते हैं। ज्यादातर मामलों में, लक्षण आपके शरीर के दोनों तरफ एक ही जोड़ में होते हैं।
महिलाओं पर सबसे ज़्यादा डालता है यह रोग प्रभाव
जिन महिलाओं पर जल्दी मोटापा आ जाता है वह इस रोग की जकड़न में जल्दी आ जाती है। इसलिए महिलाएं ध्यान रखे कि वजन में बढ़ोत्तरी ना हो क्योंकि बढ़ता वजन शरीर में अनेकों बीमारियों को पैदा करता है और धीरे धीरे अपना शरीर में अपनी पकड़ बना लेता हैं अच्छा होगा कि अपने व्यस्त जीवन में व्यायाम और योग की तरफ भी ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि आप अपनी लाइफ को सुचारू रूप से चला सकें। इसके साथ ही महिलाओं में वजन तो घटेगा ही और भी कईं अन्य स्वास्थ्य लाभ भी निलेंगे।
महिलाएं इन चीजों का करें सेवन
जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। इसलिए समय-समय पर धूप लेते रहें और अपनी डाइट में विटामिन डी युक्त आहार भी शामिल करें। जोड़ों को मजबूती प्रदान करने के लिए विटामिन डी युक्त आहार जैसे- संतरा, पालक, डेयरी उत्पाद, बंदगोभी, सूखे मेवे इत्यादि को अपने डेली डाइट चार्ट में जरूर शामिल करना चाहिए।
महिलाएं इन चीजों से करें तौबा
मीठा का सेवन करने से बचें: गठिया के मरीजों में देखा जाता है कि वह मीठा बहुत ही ज़्यादा पसंद करते है। ऐसे में उन्हें मीठा कम खाने की सलाह दी जाती है। महिलाओ को एडेड शुगर वाली चीजों को इग्नोर करना चाहिए। इसके साथ ही अर्थराइटिस पेशेंट्स को कैंडी, आइसक्रीम आदि का इस्तेमाल भी एक हद तक ही करना चाहिए।
एल्कोहल का सेवन करने से बचेंः महिलाएं हो सकें तो एल्कोहल जैसे प्रोडक्ट्स का सेवन ना करें इससे उनके अंदर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है जिससे वह बीमारियों की जकड़न में जल्दी आ जाती है जिससे उसके फेफड़ों पर प्रभाव पड़ना भी शुरू हो जाता है।
फास्ट फूड का करें कम सेवन: अक्सर काम में अधिक व्यस्त होने के कारण महिलाएं घर का खाना अनदेखा कर बाहर के स्ट्रीट फूड को ज़्यादा महत्ता देने लग जाती है जिससे शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर गहरा असर दिखाई देने लग जाता है।
एसिडिटी करने वाले फूड से बचें: खानपान करते हुए कभी कभी हम कुछ ऐसे पेय पदार्थों को भी इनटेक कर लेते है जिससे दिल में जलन और अपच जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है।
क्योंकि इन चीजों का बहुतायत मात्रा में सेवन करने से मोटापा शरीर मे तेजी से बसेरा कर लेता है इसके साथ ही यह चीजें गठिया के रोग को भी बढ़ावा देती हैं। इन चीजों को लेने से शरीर में सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है और गठिया का खतरा भी अधिक होता है। गठिया के मरीजों को शाकाहारी खाने को ही अपना दोस्त मान लेना चाहिए।