बिहार चुनाव के नतीजों में दिखा चाचा vs भतीजा, चिराग की चिंगारी से NDA को हुआ नुकसान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 13, 2020

बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद रोमांचक मुकाबले में विपक्ष की कड़ी चुनौती का मुकाबला करते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत का परचम लहरा कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया जबकि महागठबंधन के खाते में 110 सीटें आईं। बिहार चुनाव में हालांकि कई बड़े उलटफेर देखने को भी मिले। एक ओर जहां सरकार के मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, सुरेश शर्मा, शैलेश कुमार, फिरोज अहमद, ब्रजकिशोर बिंद और जयकुमार सिंह को हार का सामना करना पड़ा, वहीं राजद के अब्दुलबारी सिद्दिकी, भाजपा से लोजपा में गए राजेंद्र सिंह और वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी सहित कई दिग्गज भी चुनाव हार गए। चुनाव में भले ही राजग ने बहुमत हासिल किया है, लेकिन इस चुनाव में विपक्षी ‘महागठबंधन’ का नेतृत्व कर रहा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 75 सीटें अपने नाम करके सबसे बड़े दल के रूप में उभरा है। करीब 16 घंटे चली मतों की गिनती के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 74 सीटों के साथ दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई है। दूसरी तरफ जदयू और कांग्रेस को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है। जदयू को 2015 के चुनाव में जीती 71 सीटों के मुकाबले इस बार 43 सीटें ही मिलीं। कांग्रेस को वर्ष 2015 में 27 सीटें मिली थी जबकि इस बार उसे 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। साल 2015 में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव में ‘हम’ प्रमुख जीतन राम मांझी 16,034 वोटों के अंतर से इमामगंज सीट से जीते। वहीं राजद नेता तेजप्रताप यादव 21,139 वोटों के अंतर से हसनपुर सीट से चुनाव जीते। महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी तेजस्वी यादव ने 37 हजार वोटों से ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की।

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विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सरायरंजन से अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को 4,000 मतों के अंतर से पराजित किया। राजद के अब्दुलबारी सिद्दीकी केवटी सीट से भाजपा के मुरारी मोहन झा से 5,267 वोटों के अंतर से हारे। वहीं लालू प्रसाद के करीबी माने जाने वाले भोला यादव को हायाघाट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के राम चंद्र प्रसाद ने 10,252 वोटों के अंतर से हराया। राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक विजेता एवं भाजपा उम्मीदवार श्रेयसी सिंह ने राजद के विजय प्रकाश को 41 हजार मतों से पराजित किया जबकि कांग्रेस उम्मीदवार और शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव को मधेपुरा के बिहारीगंज सीट से हार का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह जैसे नेता पहले ही कुमार को मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं और यह स्पष्ट कर चुके हैं कि नीतीश ही राजग गठबंधन के मुख्यमंत्री बनेंगे। ऐसे में नीतीश कुमार की पार्टी का प्रदर्शन भले ही गिरा है, राजग के बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के बाद अब नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने का मार्ग एक बार फिर प्रशस्त हो गया है। चुनाव में चिराग पासवान की लोजपा के कारण जदयू को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। लोजपा को हालांकि एक सीट पर जीत मिली, लेकिन उसने कम से कम 30 सीटों पर जदयू को नुकसान पहुंचाया। जद(यू) के प्रवक्ता के सी त्यागी ने नयी दिल्ली में ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में आरोप लगाया कि एक ‘‘साजिश’’ के तहत नीतीश कुमार के खिलाफ ‘‘अपमानजनक अभियान’’ चलाया गया। उन्होंने किसी का नाम लिएबगैर कहा, इसमें ‘‘अपने भी शामिल थे और बेगाने भी।’’ उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार ही राजग सरकार का नेतृत्व करेंगे। 


भाजपा की 74 और जदयू की 43 सीटों के अलावा सत्तारूढ़ गठबंधन साझीदारों में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को चार और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को चार सीटें मिलीं। वहीं, विपक्षी महागठबंधन में राजद को 75, कांग्रेस को 19, भाकपा माले को 12 और भाकपा एवं माकपा को दो-दो सीटों पर जीत मिली। इस चुनाव में वामदलों और असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन(एआईएमआईएम) को सबसे अधिक फायदा हुआ है। महागठबंधन को मुस्लिम वोट बंटने का भी नुकसान हुआ। मुस्लिम वोट एआईएमआईएम, बसपा और आरएसएलपी समेत पार्टियों के बीच बंटने का लाभ राजग को मिला। ओवैसी की पार्टी को चुनाव में पांच सीटें मिली है लेकिन सीमांचल क्षेत्र में उसने मुस्लिम मतदाताओं के बीच अच्छी खासी सेंध लगायी है जिसका नुकसान राजद को उठाना पड़ा है। एआईएमआईएम की सहयोगी बसपा ने भी एक सीट पर जीत हासिल की। राजग से अलग होकर अकेले चुनाव मैदान में उतरी चिराग पसवान की लोक जनशक्ति पार्टी एक सीट पर ही जीत हासिल कर सकी है। उसने 135 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे लेकिन सिर्फ बेगूसराय के मटिहानी से राजकुमार सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पिछले साल लोकसभा चुनाव में राजद खाता भी नहीं खोल पायी थी लेकिन विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में राजद, सत्तारूढ़ राजग को कड़ी टक्कर देते हुए सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। मुख्य रूप से दो गठबंधनों के बीच हुए इस मुकाबले में वाम दलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। भाकपा माले को 12 और उसके बाद भाकपा एवं माकपा को दो-दो सीटें मिली। निवर्तमान विधानसभा में भाकपा माले की तीन सीटों के अलावा सदन में वाम दलों की कोई मौजूदगी नहीं थी। चुनाव नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता नित्यानंद राय ने कहा कि वह बिहार की जनता के आभारी है कि लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ का साथ दिया और बिहार सरकार के सुशासन पर भरोसा किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि जनता ने पिछले छह साल में मोदी सरकार के जनकल्याण के कार्यों और राज्य सरकार के सुशासन पर मुहर लगाई है।


21वीं सदी में विकास ही राजनीति का आधार, नारी शक्ति भाजपा के ‘साइलेंट वोटरों’ का समूह: मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव और विभिन्न राज्यों के उपचुनावों के परिणामों ने साबित कर दिया है कि 21वीं सदी में ‘‘विकास’’ ही राजनीति का आधार होगा। साथ ही उन्होंने भाजपा को लगातार मिल रही जीत का श्रेय नारी शक्ति को दिया और उन्हें भाजपा के ‘‘साइलेंट’’ मतदाताओं का सबसे बड़ा समूह बताया। प्रधानमंत्री ने परिवारवादी पार्टियों को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सफलता को ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’’ के मंत्र की जीत करार दिया। मोदी बिहार विधानसभा चुनाव और देश के विभिन्न राज्यों के उपचुनावों में भाजपा को मिली विजय के उपलक्ष्य में भाजपा मुख्यालय में आयोजित धन्यवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर भी जोरदार हमला बोला और कहा कि जो लोग लोकतांत्रिक तरीकों से मुकाबला नहीं कर पा रहे है, उन्होंने भाजपा के कार्यकर्ताओं की ‘‘हत्या’’ करने का रास्ता अपनाया है। मोदी ने अपने संबोधन में एक बार फिर सार्वजनिक मंच से स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बिहार में राजग का नेतृत्व करेंगे, भले ही उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड का प्रदर्शन भाजपा के मुकाबले अच्छा न रहा हो। बिहार को अपने लिए सबसे खास बताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘आप आज बिहार के चुनाव नतीजों के बारे में पूछेंगे तो मेरा जवाब भी जनता के जनादेश की तरह स्पष्ट और साफ सुथरा है। चुनाव जीतने का एक ही रहस्य है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र की जीत हुई है बिहार में।’’

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बिहार की जीत को विकास कार्यों की भी जीत बताते हुए मोदी ने कहा कि राज्य की जनता ने एक बार फिर साफ कर दिया कि उसे क्यों लोकतंत्र की ज़मीन कहा जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘आपने फिर सिद्ध किया है कि वाकई, बिहारवासी पारखी भी हैं और जागरूक भी।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर बिहार के संकल्प के लिए बिहार ने जो अपार प्यार दिया है, उससे मैं और हमारी पूरी टीम अभिभूत है। हम सभी भाजपा के कार्यकर्ता नीतीश जी के नेतृत्व में हर बिहारवासी के साथ इस संकल्प को सिद्ध करने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।’’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि बिहार में तीन बार सरकार में रहने के बाद भाजपा ही एकमात्र पार्टी है, जिसकी सीटों में बढ़ोतरी हुई। उल्लेखनीय है कि बिहार में पहली बार भाजपा जदयू से अधिक सीटें जीतने में सफल रही है। भाजपा को जहां 74 सीटें मिलीं, वहीं जदयू 43 सीटों पर सिमटकर रह गई। मोदी ने देश की नारी शक्ति को भाजपा के ‘‘साइलेंट वोटरों’’ का सबसे बड़ा समूह बताया और कहा कि उनकी गूंज चुनावी नतीजों में भी सुनाई देने लगी है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन काल में महिला केंद्रित योजनाओं के माध्यम से उनका सम्मान और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की वजह से ऐसा हुआ है। मोदी ने कहा ‘‘अब साइलेंट वोटरों की गूंज सुनाई देने लगी है। भाजपा के पास साइलेंट वोटरों का एक ऐसा वर्ग है जो उसे बार-बार वोट दे रहा है। निरंतर वोट दे रहा है। और ये साइलेंट वोटर हैं देश की माताएं, बहनें, महिलाएं और देश की नारी शक्ति।’’ उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों तक महिला मतदाता ही भाजपा का सबसे बड़ा ‘‘साइलेंट वोटरों’’ का समूह बन गया है। मोदी ने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए है, क्योंकि भाजपा के शासन में महिलाओं को सम्मान भी मिलता है और सुरक्षा भी मिलती है।’’ उन्होंने कहा कि बैंकों में खाता खोलने से लेकर ऋण लेने तक, गर्भावस्था के दौरान मुफ्त जांच से लेकर छह महीने के अवकाश तक, रसोई को धुएं से मुक्त करने से लेकर शौचालयों के निर्माण तक, एक रुपये में सेनेटरी पैड की सुविधा हो या हर घर बिजली पहुंचाना हो या फिर घर-घर जल के लिए नल अभियान, भाजपा ही है जो भारत की महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए उम्र के हर पड़ाव को देखते हुए विशेष प्रयास कर रही है। 


मोदी ने कहा, ‘‘इसलिए भाजपा पर ये साइलेंट वोटर्स अपना स्नेह दिखाते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा ही देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है जिसमें गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित अपना प्रतिनिधित्व देखते हैं और अपना भविष्य भी देखते हैं। उन्होंने कहा कि आज भाजपा ही देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है जो समाज के हर वर्ग की आवश्यकता और हर क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझती है तथा उनके लिए काम कर रही है। मोदी ने कहा, ‘‘आज भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो राष्ट्रीय आकांक्षाओं के साथ ही हर क्षेत्र के गौरव को भी उतने ही गर्व के साथ अपने साथ लेकर चलती है। इसलिए देश के नौजवानों को सबसे ज्यादा भरोसा किसी पर है तो भाजपा पर है।’’ उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण और उनकी गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए भी देश की जनता को भाजपा पर ही भरोसा है। जनता के भरोसे को अपने लिए सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए मोदी ने कहा कि यही वजह है कि भाजपा को चुनाव दर चुनाव सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘देश के लोग भाजपा को ही बार-बार मौका दे रहे हैं और भाजपा पर ही सबसे ज्यादा विश्वास कर रहे हैं। भाजपा की इस सफलता के पीछे उसका सुशासन का मॉडल है। भाजपा सरकारों की पहचान ही सुशासन है।’’ कोरोना महामारी का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता कर्फ्यू से लेकर अभी तक जिस तरह देश ने इस महामारी का मुकाबला किया, चुनाव नतीजों ने उसे भी अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना काल में गरीब को राशन से लेकर रोजगार तक भारत में जो प्रयास हुए, यह उसका समर्थन है। कोरोना काल में बचाया गया एक-एक जीवन भारत की सफलता की कहानी है।’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी हमला बोला। हालांकि इस दौरान उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक परिवारवादी पार्टियों का जाल लोकतंत्र के लिए खतरा बनता जा रहा है। दुर्भाग्य से एक राष्ट्रीय पार्टी भी एक परिवार के चंगुल में फंस गई है। यह देश का युवा भली-भांति जानता है। परिवारों की पार्टियां या परिवारवादी पार्टियां, लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे में भारतीय जनता पार्टी का दायित्व और बढ़ जाता है कि वह अपने दल में लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखे। 


मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपनी पार्टी को जीवंत लोकतंत्र का जीता-जागता उदाहरण बनाना है। पार्टी हर कार्यकर्ता और हर नागरिक के लिए अवसरों का एक बेहतरीन मंच बने।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग ये नहीं समझ रहे, इस बार भी उनकी जगह-जगह जमानत जब्त हो गयी है। ये बिहार की आकांक्षाओं की जीत है, बिहार के गौरव की जीत है।’’ बिहार के साथ ही विभिन्न उपचुनावों में भाजपा का परचम लहराने का उल्लेख करते हुए और चुनावों में भाजपा को लगातार मिल रही सफलता की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत के नागरिक, बार-बार अपना संदेश स्पष्ट कर रहे हैं कि अब सेवा का मौका उसी को मिलेगा, जो देश के विकास के लक्ष्य के साथ ईमानदारी से काम करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हर राजनीतिक दल से देश के लोगों की यही अपेक्षा है कि देश के लिए काम करो, देश के काम से मतलब रखो।’’ पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में भाजपा के कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा जा रहा है और उन्हें लगता है कि ऐसा करके वे अपने मंसूबे पूरे कर लेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग लोकतांत्रिक तरीकों से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं, चुनौती नहीं दे पा रहे हैं, ऐसे कुछ लोगों ने भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या करने का रास्ता अपनाया है। मैं उन सभी को आग्रहपूर्वक समझाने का प्रयास करता हूं। मुझे चेतावनी देने की जरूरत नहीं है, वो काम जनता-जर्नादन करेगी।’’ मोदी ने कहा, ‘‘चुनाव आते हैं, जाते हैं। जय-पराजय का खेल होता रहा है। कभी ये बैठैगा, कभी वो बैठेगा...लेकिन ये मौत का खेल लोकतंत्र में कभी नहीं चल सकता है।’’ ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए मोदी ने कोरोना संक्रमण काल में भारी संख्या में मतदान के लिए और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग का आभार जताया। मोदी ने देश के युवाओं का आह्वान किया कि वे आगे आएं और भाजपा के माध्यम से देश की सेवा में जुट जाएं। उन्होंने कहा, ‘‘अपने सपनों को साकार करने के लिए, अपने संकल्पों को सिद्ध करने के लिए, कमल को हाथ में लेकर चल पड़ें।

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