किसानों के योगदान का करो सम्मान, बोलो ‘जय किसान’: नाना पटोले

By प्रेस विज्ञप्ति | Aug 16, 2022

हमारा देश कृषि प्रधान है और अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है, लेकिन राज्य और केंद्र की सरकार कृषि और किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। ऐसे समय में जब देश की जीडीपी में गिरावट आ रही है, केंद्र की मोदी सरकार इसका समाधान निकालने की जगह मोबाइल फोन की डीपी में बदलाव की अपील कर रही है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि किसानों के योगदान को देखते हुए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए सभी को ‘जय किसान’ बोलना चाहिए। ताकि पूरी दुनिया का पेट भरने वाले किसानों की उपेक्षा न हो।

 

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पत्रकारों से बात करते हुए नाना पटोले ने साफ़ किया कि वंदे मातरम् को लेकर हमें  आपत्ति होने का कोई कारण नहीं है। हमें इस पर गर्व है लेकिन इसके लिए किसी को मजबूर नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान हमारे देश की रीढ़ हैं और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। पटोले ने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए धर्म के आधार पर कुछ मुद्दों को उठाया जा रहा है। यह देश के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का अन्नदाता असुरक्षित और उपेक्षित है। हमारे देश की जीडीपी ख़ास तौर से कृषि पर आधारित है लेकिन केंद्र की मोदी सरकार किसानों के कल्याण पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।


पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दे काफी अहम हैं। भारी बारिश से राज्य के कई हिस्सों में किसानों को भारी नुकसान हुआ है लेकिन अभी तक पंचनामा नहीं हुआ है।  राज्य सरकार द्वारा घोषित सहायता काफी कम है। हमारी सरकार से मांग है कि किसानों को मदद के  तौर पर 75 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर दिए जाने चाहिए।  हम विधान मंडल के सत्र के पहले दिन किसानों के मुद्दे को उठाएंगे और राज्य सरकार को किसानों को पर्याप्त और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए मजबूर करेंगे। पटोले ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने राज्य के कई इलाकों का दौरा कर किसानों को हिम्मत  देने की कोशिश की है , लेकिन राज्य सरकार किसान विरोधी है.

 

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लाल किले से पूरे राष्ट्र को संबोधित करने के दौरान कई मुद्दों पर बात की , लेकिन उन्होंने देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, किसानों, श्रमिकों के कल्याण व ज्वलंत मुद्दों पर एक शब्द भी नहीं कहा। प्रधानमंत्री ने यहां तक  महंगाई के 'म' शब्द का भी जिक्र तक नहीं किया। पटोले ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने डेढ़ घंटे तक भाषण दिया लेकिन आम आदमी से जुड़े सवालों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया। यह बेहद दुखद है।

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