लखीमपुर हिंसा: विरोध में प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन, गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी की मांग

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 05, 2021

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के एक दिन बाद सोमवार को उत्तर प्रदेश के जिलों में राजनीतिक हलचल तेज रही और अनेक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए।

किसानों समेत विभिन्‍न संगठनों और समाजवादी पार्टी व कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने विरोध प्रकट कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री की बर्खास्तगी, केंद्रीय मंत्री व उनके पुत्र के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज कराने व मृतक किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रूपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की।

 

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समाजवादी पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या से शोक संतप्त परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने के लिए खीरी जा रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर ही अवैध तरीके से रोका गया और हिरासत में लिया गया। इससे आज पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं में उबाल आ गया।’’

सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों पर इस घटना के विरोध में आज धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में केंद्रीय गृह राज्‍य मंत्री की बर्खास्तगी, केंद्रीय मंत्री व उनके पुत्र के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने व मृतक किसानों के परिजनों को एक- एक करोड़ रूपये मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। कई स्थानों पर सपा कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला फूंका और पुलिस से कई स्थानों पर झड़पें हुई।

बांदा से मिली खबर के अनुसार लखीमपुर खीरी में रविवार को हुए बवाल से आक्रोशित किसान संगठनों और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने बुंदेलखंड़ के बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, फतेहपर, जालौन और ललितपुर जिलों में सोमवार को शांति पूर्ण ढंग से जिलाधिकारी कार्यालयों में प्रदर्शन किया।

इस प्रदर्शन में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) तथा आप के बड़ी संख्या में समर्थक और कार्यकर्ता शामिल रहे। बांदा में बुंदेलखंड़ किसान यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा की अगुआई में किसानों ने ऐतिहासिक अशोक लॉट तिराहे से जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश किया और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर लखीमपुर खीरी कांड में मारे गए किसानों को मुआवजा व आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।

बांदा में किसान संगठनों के अलावा कांग्रेस व समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गिरफ्तारी से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने चित्रकूट में प्रयागराज सड़क मार्ग में जाम लगा दिया। पुलिस के साथ धक्का-मुक्की कर पटेल तिराहा पहुंचकर प्रदर्शन किया। महोबा जिला मुख्यालय के आल्हा चौक स्थित अंबेडकर पार्क में सपा जिलाध्यक्ष प्राण सिंह यादव की अगुआई में सपाइयों ने प्रदर्शन किया और राज्य सरकार को खरी खोटी सुनाई तथा लखीमपुर खीरी की घटना की निंदा की।

महोबा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेन्द्र कुमार गौतम ने बताया कि किसान संगठन से जुड़े किसान और कुछ दलों के कार्यकर्ताओं ने शांति पूर्ण प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा है। हमीरपुर जिले के पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित ने बताया कि यहां किसान और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने शांति पूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया। किसी को भी हिरासत में लेने की नौबत नहीं आयी।

फतेहपुर जिले के पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सपा और किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में करीब तीन घंटे तक धरना देने के बाद ज्ञापन दिया है। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक निपट गया। जालौन के अपर पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने कहा, यहां किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्वक निपट गया है, किसी तरह की दिक्कत नहीं आयी।

इसी प्रकार ललितपुर जिले के पुलिस अधीक्षक निखिल कुमार पाठक ने बताया कि यहां भी किसानों और कुछ दलों के कार्यकर्ताओं ने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा है। शाहजहांपुर जिले के पुवाया तहसील में चार अलग-अलग स्थानों पर किसानों ने डेरा डाल दिया है जिसके चलते आवागमन पूरी तरह बंद है। पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने सोमवार को बताया कि पूरे जिले में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है जिले के सभी चौराहों तथा सिख बाहुल्य पुवायां सर्किल में बड़ी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया है तथा रोड जाम कर के बैठे किसानों से लगातार वार्ता भी की जा रही है।

उप जिला अधिकारी पुवायां सतीश चंद्रा ने पीटीआई को फोन पर बताया कि लौगा पुर में तथा खुटार पुवायां रोड बंडा बिलसंडा मार्ग तथा खुटार पूरनपुर आसाम मार्ग पर किसान बैठ गए हैं। आसाम रोड को रात में ही किसानों ने बंद कर दिया था। उन्होंने बताया कि जिले के उच्च अधिकारी लगातार किसान नेताओं से बातचीत कर रहे हैं एवं जाम खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है वही कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर आज सपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए कचहरी मार्ग को जाम कर दिया एवं भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने भी रोड जाम कर के धरना दिया। बाद में जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह एवं पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने धरना स्थल पर पहुंच कर जाम खुलवाया एवं ज्ञापन लिए। लखीमपुर में हुई घटना के विरोध में पूरे पीलीभीत जिले में किसान संगठनों ने सड़कों पर निकल कर प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

पीलीभीत में किसान संगठन और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। घटना के बाद पीलीभीत के किसान आक्रोशित हो गए हैं। पूरनपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले घुघुचिआईं चौराहे पर बड़ी संख्या में किसानों ने एकत्र होकर हाईवे पर जाम लगा दिया और लखीमपुर में हुई घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। पीलीभीत के भाजपा युवा मोर्चा में जिला महामंत्री रहे और वर्तमान में युवा मोर्चा की क्षेत्रीय कार्यसमिति के सदस्य यादवेंद्र सिंह सोढ़ी ने पूरनपुर में चल रहे प्रदर्शन के दौरान किसानों के बीच पहुंचकर पार्टी से इस्तीफे का ऐलान किया है। उधर, मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर में लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में समाजवादी पार्टी ने प्रदर्शन किया और कांग्रेस पार्टी ने विरोध में शहर में मार्च निकाला।

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी दोनों के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी वाद्रा जैसे अपने शीर्ष नेताओं को हिरासत में लिये पर गुस्सा दिखाया और उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे और उनके बेटे आशीष मिश्रा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी से दो बार के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के विरोध में रविवार को वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया और इसके बाद भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई।

 

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किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री मिश्रा का बेटा जिस एसयूवी में सवार था, उसी ने किसानों को कुचल दिया जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज किया है। बाद में भीड़ के हमले में चार अन्य लोग मारे गये थे।

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