By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 05, 2019
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने पूंजी बाजार की उम्मीदों को झटका देते हुये मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रिजर्व बैंक के इस कदम के बाद बृहस्पतिवार को शेयर बाजारों में उतार- चढ़ाव के बाद गिरावट रही। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी)ने सर्वसम्मति से रेपो दर को 5.15 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 4.90 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया। केंद्रीय बैंक ने इसके लिए मुद्रास्फीतिक दबाव और खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का हवाला दिया है। इससे पहले लगातार पांच बार रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है।
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शेयर बाजार इस उम्मीद के साथ खुले थे कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में कटौती करेगा। मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद बाजार नीचे आ गए। रिजर्व बैंक ने 2019- 20 के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को 6.1 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। इससे कारोबारी धारणा पर और असर पड़ा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 70.70 अंक या 0.17 प्रतिशत के नुकसान से 40,779.59 अंक पर बंद हुआ। केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखने से कारोबार के दौरान सेंसेक्स ऊपर-नीचे होता रहा।
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी इस दौरान 24.80 अंक या 0.21 प्रतिशत के नुकसान से 12,018.40 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में भारती एयरटेल, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, हीरो मोटोकॉर्प और टाटा मोटर्स के शेयरों में 2.96 प्रतिशत तक का नुकसान रहा। ब्याज दर की दृष्टि से संवेदनशील वाहन, बैंक और रीयल एस्टेट कंपनियों के शेयर स्थिर से लेकर नकारात्मक रुखा के साथ बंद हुए। मूल्य के हिसाब से सेंसेक्स के नुकसान में सबसे अधिक हिस्सा बैंकिंग शेयरों का रहा।
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वहीं, दूसरी ओर टीसीएस, आईटीसी, एलएंडटी, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा और एचडीएफसी के शेयर 2.04 प्रतिशत तक के लाभ में रहे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज की अर्थशास्त्री दीप्ति मेरी मैथ्यू ने कहा कि रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर कायम रखकर एक अप्रत्याशित रुख अपनाया। बाजार रेपो दर में चौथाई प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा था। रिजर्व बैंक का लक्ष्य मुद्रास्फीति को लक्षित दायरे में रखने का है। उन्होंने कहा कि बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक के समक्ष दरों में कटौती को लेकर चुनौती है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने अपने रुख को नरम रखा है जिससे भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है।
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बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप लगभग स्थिर रुख के साथ बंद हुए। अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपये में भी उतार-चढ़ाव रहा। दिन में करोबार के दौरान रुपया 18 पैसे की बढ़त के साथ 71.35 प्रति डॉलर पर चल रहा था। कच्चे तेल का बेंचमार्क ब्रेंट वायदा 0.6 प्रतिशत बढ़कर 63.38 डॉलर प्रति बैरल पर था। बैंकर और अर्थशास्त्री उम्मीद कर रहे थे कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती को समर्थन देने के लिए केंद्रीय बैंक छठी बार भी ब्याज दरें घटाएगा। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रही थी।