By नीरज कुमार दुबे | Jan 18, 2022
नमस्कार न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कड़कड़ाती सर्दी के बीच गणतंत्र दिवस परेड के लिए हमारे जवानों का अभ्यास जारी है। इस बार गणतंत्र दिवस पर कई नयी बातें होने जा रही हैं जैसे इतिहास में पहली बार परेड आधा घंटा देर से शुरू होगी। हर साल यह दस बजे शुरू होती थी लेकिन इस बार कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराने और शहीदों के श्रद्धांजलि कार्यक्रम के चलते परेड साढ़े दस बजे से शुरू होगी। परेड की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। हम आपको बता दें कि अभी जो परेड का अभ्यास चल रहा है उसमें भी कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। इसके अलावा इस बार सुरक्षा के बंदोबस्त भी बेहद कड़े किये गये हैं खासकर हाल ही में गाजीपुर फूलमंडी में आईईडी मिलने के बाद से सुरक्षा एजेंसियां बेहद चौकस हैं।
नये राजपथ पर होगी परेड
इस बार की परेड नवनिर्मित राजपथ पर होगी। सोमवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सेंट्रल विस्टा परियोजनास्थल का दौरा किया और कहा कि ओमीक्रोन के प्रकोप और हालिया 'अप्रत्याशित' बारिश के बावजूद परियोजना का कार्य समयबद्ध तरीके से प्रगति पर है। पुरी ने नवविकसित राजपथ की तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा कीं, जो राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक सेंट्रल विस्टा परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
इस बार सिर्फ 24000 लोगों को ही अनुमति
इसके अलावा, हम आपको बता दें कि इस बार कोविड-19 संबंधी हालात के मद्देनजर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान करीब 24,000 लोगों को उपस्थित रहने की अनुमति दी जाएगी। इससे पहले साल 2020 में करीब 1.25 लाख लोगों को परेड के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति थी। पिछले साल करीब 25,000 लोगों को उपस्थित रहने की अनुमति थी लेकिन इस बार यह संख्या 1000 घटा दी गयी है।
कोई विदेशी मेहमान नहीं
इसके साथ ही पिछली बार की तरह इस बार भी वैश्विक महामारी के कारण मुख्य अतिथि के रूप में विदेश से किसी गणमान्य व्यक्ति को आमंत्रित नहीं किया गया है। इस साल परेड के दौरान उपस्थित रहने वाले करीब 24,000 लोगों में से 19,000 लोगों को आमंत्रित किया जाएगा और शेष आमजन होंगे, जो टिकट खरीद सकेंगे। परेड के दौरान कोविड-19 संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। लोगों के बैठने का प्रबंध करते समय सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जाएगा। हर जगह सैनेटाइजर का छिड़काव करने वाले उपकरण लगे होंगे और मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
सबसे बड़ा फ्लाईपास्ट
इसके साथ ही आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर इस साल राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में कुल 75 विमानों के साथ अब तक का सबसे ‘‘बड़ा एवं भव्य” फ्लाईपास्ट होगा। भारतीय वायुसेना के जनसंपर्क अधिकारी विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने कहा, “इस साल का फ्लाईपास्ट बड़ा एवं भव्य होगा जब भारतीय वायुसेना, थल सेना और नौसेना के 75 विमान गणतंत्र दिवस परेड के दौरान उड़ान भरेंगे। यह आजादी के अमृत महोत्सव समारोहों के अनुरूप होगा।” उन्होंने कहा कि फ्लाईपास्ट में ‘तंगेल ‘फॉर्मेशन’ भी शामिल होगा जिसमें एक डकोटा और दो डोर्नियर विमान उड़ान भरेंगे। इसके जरिए 1971 के युद्ध के ‘तंगेल एयर ड्रॉप ऑपरेशन’ को याद किया जाएगा। इसमें एक चिनूक और चार एमआई-17एस का मेघना ‘फॉर्मेशन’ भी होगा। फ्लाईपास्ट चार एमआई-17 विमानों के साथ "ध्वज फॉर्मेशन’’ के साथ शुरू होगा, इसके बाद 4 और 5 ALH (उन्नत एवं हल्के) हेलीकॉप्टर के साथ "रुद्र और राहत फॉर्मेशन’’ होंगे। परेड में अपनी क्षमता दिखाने वाले अन्य विमानों में राफेल, भारतीय नौसेना के मिग 29 के, पी-8आई निगरानी विमान और जगुआर लड़ाकू विमान शामिल हैं। भारतीय वायु सेना ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए अपनी झांकी का भी प्रदर्शन किया है जिसमें हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, अश्लेषा एमके1 रडार, राफेल, मिग 21 जैसे युद्धक विमान भी हैं।
यातायात परामर्श
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस परेड अभ्यास से पहले यातायात परामर्श जारी किया है। दिल्ली पुलिस के इस परामर्श के अनुसार सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को विजयचौक से इंडिया गेट तक राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड-2022 का अभ्यास होगा। उस दौरान राजपथ-रफी मार्ग, राजपथ-जनपथ, राजपथ-मान सिंह रोड और राजपथ -सी-हेक्सागोन पर सुबह नौ बजे से 12 बजे तक यातायात पर रोक रहेगी। विजय चौक से इंडिया गेट तक राजपथ बंद रहेगा। लोगों से परेड अभ्यास के दौरान वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने को कहा गया है।
झांकियों पर विवाद गलत
उधर, गणतंत्र दिवस परेड से कुछ राज्यों की झांकियों को बाहर करने को अपमान बताए जाने को केंद्र सरकार के सूत्रों ने गलत परम्परा करार दिया है। सूत्रों ने स्पष्ट किया कि झांकियों का चयन केंद्र सरकार नहीं, बल्कि विशेषज्ञ समिति करती है। सूत्रों ने कहा, ‘‘केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के प्रस्तावों को ‘विषय विशेषज्ञ समिति’ ने उचित प्रक्रिया अपनाने और विचार-विमर्श के बाद खारिज किया है।’’ केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों को ‘फ्लैशपॉइंट’ के रूप में चित्रित करने का राज्यों के मुख्यमंत्रियों का तरीका गलत है। यह देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने में बड़ा कारक है। उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से 56 प्रस्ताव आए थे तथा उनमें से 21 का चयन किया गया है। सूत्रों ने कहा कि जाहिर है मंजूर की गई झांकियों की तुलना में निरस्त किये गये झांकियों के प्रस्ताव अधिक ही होंगे। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने भी कहा कि प्रत्येक वर्ष चयन की यही प्रक्रिया अपनायी जाती है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने राज्यों की झांकियों को हटाये जाने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज करायी है। स्टालिन ने कहा कि झांकी को हटाने से तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं और देशभक्ति की भावना को गहरी ठेस पहुंचेगी। पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर हैरानी जताते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि इस तरह के कदम से उनके राज्य के लोगों को ‘तकलीफ’ होगी। केरल में भी कई राजनेताओं ने राज्य की झांकी को शामिल नहीं करने के लिए केंद्र की आलोचना की है।
चार दिवसीय होगा समारोह
इसके अलावा इस बार गणतंत्र दिवस की खास बात यह है कि इससे संबंधित समारोह की शुरुआत अब हर साल 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी को शुरू होगी ताकि स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती इसमें शामिल की जा सके। सरकार का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के रुख के अनकूल है जो भारत के इतिहास और संस्कृति के अहम पहलुओं को मनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मोदी सरकार ने इससे पहले बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की थी।