रिपोर्ट का दावा- चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ योजना से पेरिस समझौते के लक्ष्यों को खतरा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 02, 2019

पेरिस। चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ (बीआरआई)योजना के तहत विभिन्न देशों में चल रहे विकास कार्य और कार्बन उत्सर्जन की वजह से पेरिस जलवायु समझौते के तहत तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल हो सकता है। यह आकलन एक वैश्विक रिपोर्ट में किया गया है। विशाल वैश्विक आधारभूत संरचना योजना पर सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया कि बीआरआई के तहत एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में बंदरगाहों, रेलवे, सड़क और औद्योगिक पार्क का नेटवर्क बिछाने के लिए 126 देशों में खरबों डॉलर का निवेश होगा। 

इन परियोजनाओं के लिए चीन पर्याप्त धन मुहैया करा रहा है। इसके अलावा निजी क्षेत्र भी इसमें निवेश कर रहे हैं जबकि विरोधियों ने इसके पर्यावारण पर प्रतिकूलप्रभाव पड़ने की चेतावनी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक केवल बीआरआई योजना के कारण होने वाला कार्बन उत्सर्जन ही पेरिस जलवायु लक्ष्य को पटरी से उतार सकता है। वर्ष 2015 में हुए पेरिस जलवायु समझौते में सभी देशों ने मिलकर औद्योगीकरण से पहले के तापमान के मुकाबले वैश्विक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने का लक्ष्य तय किया है।

इसे भी पढ़ें: चीन पर नए आयात शुल्क लगाने की दिशा में आगे बढ़ रही ट्रंप सरकार

शिन्हुआ सेंटर फॉर फायनेंस एंड डेवलपमेंट ने कहा कि चीन को छोड़कर बीआरआई योजना में शामिल 126 देशों की, मानव जनित कार्बन उत्सर्जन में 28 फीसद की हिस्सेदारी है। इस योजना के तहत विभिन्न तरीकों से 17 देशों में बड़े बंदरगाहों, पाइपलाइन, रेलवे लाइन और राजमार्गों का विकास किया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस, ईरान, सऊदी अरब और इंडोनेशिया जैसे देशों को वैश्विक तापमान वृद्धि दो डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए अपने कार्बन उत्सर्जन में मौजूदा स्तर से 2050 तक 68 फीसद की कमी लानी होगी। 

इसे भी पढ़ें: Black टी-शर्ट पहनकर प्रदर्शनकारियों ने "रिक्लेम हांगकांग" के लगाए नारे

शिन्हुआ सेंटर के फेलो सिमॉन जेडक ने कहा,‘‘बीआरआई इतना गतिशील और विशाल है कि अगर उत्सर्जन गलत दिशा में गया तो अकेले जलवायु परिवर्तन के लक्ष्य को पटरी से उतार देगा।’’ रिपोर्ट के अनुसार, बीआरआई में हरित तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए तो 39 फीसद तक उत्सर्जन कम किया जा सकता है। गौरतलब है कि चीन विश्व का सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है और दुनिया में मानव जनित कार्बन उत्सर्जन में 30 फीसद योगदान उसी का रहता है। 

प्रमुख खबरें

झारखंड: आदिवासी श्रद्धालुओं से भरी बस पलटने से एक की मौत, 20 लोग घायल

मध्यप्रदेश: किसान को पन्ना खदान में मिला 7.44 कैरेट का हीरा

National Epilepsy Day 2024: हर साल 17 नवंबर को मनाया जाता है नेशनल एपिलेप्‍सी डे, जानिए इतिहास

चेन्नई पुलिस ने अभिनेत्री कस्तूरी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया