अनिल अंबानी की रिलायंस इंफ्राटेल को अब JIO का सहारा, NCLT ने रिजॉल्यूशन प्लान को दी मंजूरी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 03, 2020

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी)ने रिलायंस इन्फ्राटेल की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। इससे कंपनी के ऋणदाताओं को 4,400 करोड़ रुपये की राशि मिल सकती है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि रिलायंस जियो संभवत: कर्ज के बोझ से दबी दूरसंचार बुनियादी ढांचा कंपनी की संपत्तियों को खरीदेगी। रिलायंस जियो ने अपनी अनुषंगी के जरिये रिलायंस कम्युनिकेशंस के पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी रिलायंस इन्फ्राटेल की संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए बोली पेश की है। एक सूत्र ने कहा कि न्यायाधिकरण ने समाधान योजना के तहत इसे मंजूरी दे दी है। सूत्र ने बताया कि ऋणदाताओ को रिलायंस जियो समूह की कंपनी रिलायंस डिजिटल प्लेटफॉर्म से करीब 4,400 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह सफल समाधान आवेदक रही है।

इसे भी पढ़ें: ‘वी-आकार’ का सुधार दर्ज कर रही है भारतीय अर्थव्यवस्था:वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट

ऋणदाताओं द्वारा मंजूर समाधान योजना के तहत आरकॉम और उसकी अनुषंगी रिलायंस टेलीकॉम इन्फास्ट्रक्चर लि. (आरटीआईएल), यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (यूवीएआरसीएल) के पास जाएंगी। वहीं रिलायंस इन्फ्राटेल की टावर इकाई 20,000- 23,000 करोड़ रुपये में जियो को मिलेगी। इस राशि का भुगतान सात साल में करना होगा। रिलायंस इन्फाटेल के करीब 43,000 टावर और 1,72,000 रूट किलोमीटर फाइबर है। कंपनी एनसीएलटी की मुंबई पीठ में दिवाला प्रक्रिया के तहत है। कंपनी की समाधान योजेना को ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने 100 प्रतिशत मतों के साथ मंजूरी दी है। सूत्र ने कहा, ‘‘समाधान योजना से प्राप्त होने वाली राशि का वितरण दोहा बैंक के हस्तक्षेप आवेदन के निपटान पर निर्भर करेगा।’’ रिलायंस इन्फ्राटेल के समाधान पेशेवर को भेजे गए ई-मेल का तत्काल जवाब नहीं मिला था। आरकॉम ने जिस समय दिवाला आवेदन किया था, उस वक्त तक उसपर कुल 46,000 करोड़ रुपये का कर्ज था।

प्रमुख खबरें

सूत्रों का दावा, पूरे 5 साल तक महाराष्ट्र के सीएम रहेंगे देवेंद्र फडणवीस, शिंदे बन सकते हैं डिप्टी सीएम

छात्र राजनीति से उभरे Shoaib Iqbal फिलहाल संभाल रहे हैं Matia Mahal की सत्ता, 2020 में छोड़ा था कांग्रेस का दामन

क्या राहुल गांधी भी ब्रिटिश नागरिक हैं? कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, अब 19 दिसंबर को होगी सुनवाई

दिल्ली चुनाव से पहले आतिशी का सनसनीखेज आरोप, वोटर लिस्ट में हेर-फेर कर रही केंद्र सरकार