By अंकित सिंह | Sep 16, 2022
एक ओर अरविंद केजरीवाल लगातार आम आदमी पार्टी के विस्तार में जुटे हुए हैं। दिल्ली की राजनीति में वर्चस्व स्थापित करने वाली आम आदमी पार्टी पंजाब में भी फिलहाल सत्ता में है। अरविंद केजरीवाल की नजर अब राष्ट्रीय राजनीति पर है। यही कारण है कि वह विभिन्न राज्यों में लगातार पार्टी के विस्तार को लेकर जुटे हुए हैं। गुजरात में भी अरविंद केजरीवाल की ओर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया जा चुका है। इसको लेकर अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात दौरे पर जा रहे हैं। हालांकि, पूर्व सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने अरविंद केजरीवाल के एक बयान को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिख दिया है। इस पत्र से आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
56 पूर्व सिविल सेवकों ने चुनाव आयोग से मांग की है कि आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द की जाए। इनकी ओर से केजरीवाल द्वारा दी गई असंतुलित और विवादास्पद बयान की ओर इशारा किया गया है। दरअसल, केजरीवाल के एक बयान को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने नाराजगी जताई है। केजरीवाल ने अपनी पार्टी के लिए ऑटो वाले, आंगनवाड़ी कर्मचारी के साथ-साथ पोलिंग बूथ अफसरों से भी मदद मांगी थी। अब इसी को लेकर पूर्व नौकरशाहों ने पलटवार किया है। नौकरशाहों ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी राज्य के नौकरशाह राजनीति से दूर रहते हैं। उनका काम सिर्फ सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारना है और वे अपना काम निष्पक्षता के साथ करते हैं।
नौकरशाहों ने अपनी चिट्ठी में साफ तौर पर कह दिया है कि पब्लिक सर्वेंट लोगों की सेवा के लिए होते हैं, ना कि वह राजनीति करते हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि केजरीवाल ने अपने बयानों की वजह से सरकारी कर्मचारियों की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है। इसके अलावा नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि सरकारी कर्मचारियों और नौकरशाहों को केजरीवाल की पार्टी की ओर से फ्री चीजों का लालच दिया जा रहा है।