बालाकोट में भारत की एयर स्ट्राइक पर पाकिस्तान के हर झूठ का पर्दाफाश

By नीरज कुमार दुबे | Dec 21, 2019

पुलवामा धमाके का बदला बालाकोट में महाधमाके से लिया गया था। पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना की ओर से किये गये महाधमाके पर सवाल उठाने के जितने प्रयास किये उतना ही वह फँसता चला गया। एक झूठ को छिपाने के लिए पाकिस्तान ने सौ झूठ बोलने से भी गुरेज नहीं किया। आज हम परत दर परत पाकिस्तान के झूठ की पोल खोलेंगे और सुनाएंगे बालाकोट में भारतीय वायुसेना के अदम्य साहस और शौर्य की दास्तान। लेकिन आइए उससे पहले संक्षिप्त में जानते हैं पुलवामा घटना के बारे में।

 

इस साल 14 फरवरी को सुबह सबकुछ सामान्य रूप से चल रहा था कि अचानक दोपहर को एक दिल दहला देने वाली खबर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से आई जहाँ आतंकवादी आदिल अहमद डार ने श्रीनगर जम्मू हाईवे पर सीआरपीएफ की बस को अपनी उस कार से टक्कर मार दी जोकि विस्फोटकों से लदी थी। टक्कर से बस और कार के परखच्चे उड़ गये और क्षण भर में हमारे 40 जवान शहीद हो गये। इस घटना ने पूरे देश में गुस्सा व्याप्त कर दिया, हर भारतीय का खून उबाल मार रहा था। भारत में आम चुनाव की सरगर्मियों के बीच अचानक से देश की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बन गयी थी। लोग सड़कों पर उतर आये और इस हमले का बदला लेने की माँग करने लगे, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकारा कि देशवासियों का यह गुस्सा और नाराजगी जायज है। उन्होंने देश को विश्वास दिलाया कि हमारे जवानों का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। यह शायद पहला मौका रहा जब आतंकवादी हमले की सरकार ने कड़ी निंदा करने का बयान जारी करने की बजाय यह कहा कि 'बदला लिया जायेगा'। प्रधानमंत्री साफ कर चुके थे कि यह नया भारत है, हम किसी को छेड़ते नहीं हैं और जो छेड़ता है उसे छोड़ते नहीं हैं। सेना को हमले का बदला लेने के लिए खुली छूट दे दी गयी। कार्रवाई के लिए समय और स्थान सेना को ही तय करना था। इधर भारत पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा था तो दूसरी ओर पाकिस्तान जोकि सर्जिकल स्ट्राइक का कहर झेल चुका था, वह थर-थर काँप रहा था और भारत कोई कार्रवाई नहीं करे, इसके लिए अमेरिका सहित अन्य देशों से दबाव डलवाने या भारत को समझाने-बुझाने का प्रयास करने लगा। लेकिन प्रधानमंत्री साफ कर चुके थे- कसम मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं झुकने दूँगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी यह कह कर सनसनी फैला दी कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है।

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आखिरकार फरवरी माह में ही 26 तारीख को वह दिन आ गया। जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई करते हुए बालाकोट में जब्बा टॉप पर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी कैम्पों को तबाह कर दिया। पाकिस्तान इस हमले से तिलमिला उठा और उसी ने सबसे पहले यह खबर दुनिया को दी कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने उसके क्षेत्र में प्रवेश किया। भीतर से दर्द से कराह रहे पाकिस्तान ने दुनिया को अपने जख्म दिखाने की बजाय कह दिया कि भारतीय विमान खेतों में बम गिराकर चले गये और कुछ पेड़ों को ही नुकसान हुआ है। तो आइए आपको कुछ तसवीरों के माध्यम से पूरी कहानी समझाते हैं-

 

यह है पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जब्बा टॉप जहाँ जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी प्रशिक्षण कैम्प स्थित है।

 

यह रही वो तीन जगहें जिन्हें भारतीय वायुसेना ने अपना निशाना बनाने के लिए चुना था। टार्गेट-1. मुजाहिद होस्टल, टार्गेट-2 यंग ट्रेनी हॉस्टल, टार्गेट-3. ट्रेनर एकोमोडेशन।

 

 

भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में हमले के लिए 12 मिराज-2000 फाइटर जेटों को हमले के लिए भेजा था। 26 फरवरी को तड़के 3.30 बजे 12 मिराज-2000 ने कई एयर बेस से उड़ान भरी थी। ये फाइटर जेट पाकिस्तानी सीमा में घुसे और खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाना शुरू कर दिया। रिपोर्टों के मुताबिक आतंकवादियों के ठिकानों पर 5 स्पाइस 2000 बम फेंके गये। इसमें से 4 बम उन भवनों पर गिरे थे, जहां आतंकवादी सो रहे थे। हमला करने के बाद भारतीय वायुसेना के सभी विमान अपने एयरबेस पर सुरक्षित लौट आये। इस हमले के दौरान एक खास बात यह रही कि जब मिराज लड़ाकू विमान आतंकवादियों को जन्नत की सैर पर भेज रहे थे उस समय कुछ मिराज और सुखोई विमान पाकिस्तानी वायुसेना का ध्यान भटकाने में लगे हुए थे।

 

 

अब आप जरा इन कुछ तसवीरों को देखते जाइये आपको सब कुछ समझ आ जायेगा। भारतीय वायुसेना ने जिन जगहों को निशाना बनाया उन्हें कैसे ठीकठाक किया गया और पाकिस्तान की ओर से झूठ का पहाड़ खड़ा करने की कोशिश की गयी। 

 

 

सवाल यह भी उठा कि अगर भारतीय वायुसेना ने बम गिराये थे तो बिल्डिंग को नुकसान क्यों नहीं पहुँचा। सीरिया में इजराइल की ओर से गिराये गये स्पाइस बम के बाद की यह तसवीर देखिये सबकुछ समझ जा जायेगा। दरअसल स्पाइस बम अपने लक्ष्य पर सीधा हमला करता है और इसका अटैक बड़ा शॉर्प होता है। इसके जरिये आतंकवादियों को मारने का लक्ष्य हासिल करना था ना कि इमारत को गिराने का।

 

 

स्पाइस 2000 की खासियत ही यही है कि ये घर के अंदर घुसकर फटता है और बिल्डिंग को कोई नुकसान पहुंचाए बिना टारगेट को खत्म कर देता है। भारतीय वायुसेना ने जब आतंकवादियों की मौजूदगी वाले मदरसे पर हुए हमले के दौरान मिसाइल रूपी स्पाइस बम गिराया तो यह छत भेद के अंदर फटी थी।

 

पाकिस्तान ने अब शुरू किया झूठ का नया पहाड़ खड़ा करने का प्रयास और इसके लिए मदद ली विदेशी मीडिया की। यह भ्रांति फैलायी जाने लगी कि भारत की ओर से झूठ बोला जा रहा है। उस समय दुनिया भर का मीडिया बालाकोट जाना चाहता था लेकिन पाकिस्तान टालमटोल करता रहा। वह एक तरफ तो कहता रहा कि हमारा कुछ नुकसान हुआ नहीं है और दूसरी तरफ वह सारे सबूत मिटाने में जुटा रहा जिससे पता चले कि भारतीय कार्रवाई में कितना बड़ा नुकसान हुआ है। एयर स्ट्राइक के 43 दिन बाद यानि 10 अप्रैल को पाकिस्तानी सेना विदेशी मीडिया और विदेशी राजनयिकों को लेकर बालाकोट के उस पहाड़ पर पहुँची जहां हमला हुआ था। यहां पत्रकारों की टीम को उस मदरसे लाया गया जहां हमला किया गया था। मदरसे को ठीकठाक कर दिया गया था। विदेशियों को डेढ़ घंटे के इस दौरे में घटनास्थल का वीडियो बनाने और फोटो लेने की छूट तो दी गयी लेकिन वहां लोगों से खुलकर बातचीत नहीं करने दिया गया। क्योंकि लोगों को जितना समझाया गया था उससे कहीं ज्यादा बोल दिया उन्होंने तो वहीं हाथ के हाथ पोल खुल जाती। पाकिस्तान ने विदेशियों को लाने से पहले यहां पूरी तरह नाकेबंदी कर दी थी, घटनास्थल पर स्थानीय लोगों तक को जाने की इजाजत नहीं थी। सच को ठिकाने लगाने के बाद झूठ की चादर दिखाने के लिए विदेशियों को वहां लाया गया।

 

पाकिस्तान ने सिर्फ भारत के हमले के संबंध में ही झूठ नहीं बोला था। 26 फरवरी को दिन भर अपना जख्म सहलाने के बाद पाकिस्तान ने अपनी अवाम की नजरों में उठने के लिए 27 फरवरी 2019 को एक और बड़ा झूठ बोला। बालाकोट में एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अगले दिन भारतीय वायुक्षेत्र में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना के जवानों ने उन्हें खदेड़ कर बाहर कर दिया। पाकिस्तान ने झूठ फैलाया कि हमने भारतीय विमान को मार गिराया है और भारतीय वायुसेना के दो लोगों को पकड़ लिया है। जबकि हुआ यह था कि 27 फरवरी को जब पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में हवाई हमला किया, तो भारतीय वायुसेना ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। वायुसेना ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया। हालांकि, इस दौरान भारतीय वायुसेना का विमान मिग-21 हादसे का शिकार हो गया और इसको उड़ा रहे पायलट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में पकड़ लिये गये। पाकिस्तानियों ने विंग कमांडर अभिनंदन पर हमला कर दिया और फिर उन्हें पाकिस्तानी सेना ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। लेकिन यह नया भारत है, जो ताकतवर है, जो हर भारतीय की रक्षा करना जानता है। अभिनंदन के मामले में पाकिस्तान दो-चार घंटों के भीतर ही घुटने के बल आ गिरा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद में घोषणा कर दी कि हम अभिनंदन को छोड़ देंगे। 

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भारत ने पाकिस्तान की ओर से बार-बार बोले जा रहे झूठ, अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-16 के दुरुपयोग आदि के सुबूत जब दुनिया को सौंपे तो पाकिस्तान किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं बचा। इस साल अक्तूबर में भारतीय वायुसेना ने एक वीडियो जारी किया जिसमें एयरस्ट्राइक की पूरी प्रक्रिया को दिखाया गया है कि कैसे बालाकोट में आतंकी अड्डों पर बम बरसाए गए थे। वीडियो में दिखाया गया है कि बालाकोट में एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अगले दिन भारतीय वायुक्षेत्र में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना के जवानों ने उन्हें खदेड़कर बाहर कर दिया था। अब जब यह साल खत्म होने को है तो थल सेना के सूत्रों ने कहा है कि यदि बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने जम्मू कश्मीर में राजौरी के पास आयुध भंडार पर बम गिराए होते, तो भारत भी पाकिस्तान को इसका जवाब देता। 

 

बहरहाल, जिस तरह हनुमानजी ने लंका में घुसकर रावण की सोने की नगरी को जलाकर तबाह कर दिया था, वैसे ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर बम फोड़े थे। साल 2019 में भारतीय वायुसैनिकों की शौर्यगाथा एक बार फिर दुनिया के सामने आई। दुश्मन को यह जान लेना चाहिए कि भारतीय वायुसेना हर स्थिति का सामना करने के लिए सदा तैयार रहती है और पाकिस्तान के तो हर दुस्साहस का मुँहतोड़ जवाब देना और वह भी उसके घर में घुसकर, इसका मजा ही कुछ और है।

 

-नीरज कुमार दुबे

 

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