By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 03, 2019
चंदौली (उप्र)। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि अगर पाकिस्तान के पास आतंकवाद का सफाया करने की क्षमता नहीं है तो उसे भारत का सहयोग लेना चाहिए और भारत इस काम में उसकी मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार और प्रधानमंत्री ने यह फैसला कर लिया है कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग होनी चाहिये और भारत की धरती से आतंकवाद का सफाया होना चाहिये। उन्होंने यहां कहा कि इस वक्त दुनिया के अधिकतर देश आतंकवाद से पीड़ित हैं। सभी देशों को आतंकवाद से निजात चाहिए। भारत को आतंकवाद पर दुनिया के देशों का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी अपनी नापाक हरकतों से क्यों नही बाज आता है। कई बार हमने कहा है कि अगर पाकिस्तान को ऐसा लगता है कि उसके पास वह क्षमता नहीं है, वह ताकत नहीं है कि अपने देश से आतंकवाद का सफाया कर सके तो वह भारत का सहयोग प्राप्त कर सकता है। आतंकवाद के सफाये के लिये भारत पूरी तरह से उसका सहयोग करने को तैयार है।
उन्होंने हाल के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने बड़ी कूटनीतिक कामयाबी हासिल की है और वही देश कामयाब माना जाता है जो युद्ध के मैदान में भी जीतता है और कूटनीति के मैदान में भी। सिंह ने कहा, ‘‘हमारी सेना के जवानों ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों का सफाया किया है। मै यह मानकर चलता हूं कि परिस्थितियां ऐसी पैदा होकर रहेंगी कि पाकिस्तान को या तो खुद अपनी धरती पर आतंकवादी ठिकानों का सफाया करना होगा, नहीं तो पाकिस्तान की धरती पर आतंकवादी ठिकानों का सफाया होकर रहेगा और दुनिया की कोई ताकत इससे रोक नहीं सकती।’’ उन्होंने कहा कि भारत ने सारी दुनिया को यह दिखा दिया है कि केवल हम अपनी धरती पर ही नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर दूसरी धरती पर जाकर भी अपनी ताकत दिखा सकते हैं। गृहमंत्री ने आज चन्दौली के चकिया के सोनहुल गांव में सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर की आधारशिला रखी।
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उन्होंने कहा, ' आतंकवाद से केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अधिकतर देश प्रभावित हैं। लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह सिलसिला आगे नही बढ़ेगा। अब हमारी सरकार और प्रधानमंत्री ने यह फैसला कर लिया है कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग होनी चाहिये और भारत की धरती से आतंकवाद का सफाया होना चाहिये।' सिंह ने कहा कि कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले के बाद आतंकवाद देश व दुनिया के लिए चुनौती बन कर उभरा है। अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए निर्णायक संघर्ष करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि इस्लामिक संगठन के मंच से हमारी कूटनीति से पाकिस्तान अलग थलग हुआ और पहली बार भारत को प्रतिनिधित्व मिला है।