By नीरज कुमार दुबे | Jul 26, 2024
केंद्रीय बजट को लेकर जम्मू-कश्मीर के लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही है। हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में व्यापार और औद्योगिक समुदाय ने देश के विकास के लिए अहम कृषि, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), स्टार्टअप व औद्योगिक विकास पर जोर देने के लिए सरकार की प्रशंसा की है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस बार के बजट में अन्य राज्यों के मुकाबले में जम्मू-कश्मीर पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। साथ ही एसोचैम जम्मू-कश्मीर के सह-अध्यक्ष भूपेश गुप्ता ने इसे कई सकारात्मक पहलुओं वाला ‘‘मिला जुला बजट’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपनी राय देने से पहले हर पहलु का गहन विश्लेषण करने की जरूरत है। हालांकि, सरकार ने आईटी सुधार और पेंशन लाभ जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया है।’’
वहीं जम्मू-कश्मीर से आई राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की बात करें तो आपको बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय बजट में केंद्र शासित प्रदेश को कुछ नहीं मिलने का दावा करते हुए इसे ‘‘गठबंधन बचाओ बजट’’ करार दिया और कहा कि इसमें बिहार एवं आंध्र प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया गया है। वहीं जम्मू-कश्मीर जेडीयू अध्यक्ष जीएम शाहीन ने कहा कि एक पार्टी अध्यक्ष के रूप में मैं जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए केंद्रीय बजट का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि बजट में सभी महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं- सड़क, स्वास्थ्य क्षेत्र, पर्यटन और जल निकासी और राज्य में पुलिस को और अधिक मजबूत बनाना। उन्होंने कहा, "इससे ज्यादा हम क्या उम्मीद कर सकते हैं कि बजट से आम लोगों की चिंताएं कम होंगी।"
वहीं भाजपा प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि बजट सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने कहा, "कश्मीर में बिजली संकट को सुधारने के लिए सड़कों के विकास के लिए बजट स्वीकृत किया गया है।" उन्होंने कहा, "बजट लोगों के अनुकूल और गरीबों के हित में है।" वहीं कांग्रेस अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने केंद्रीय बजट पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया, हालांकि उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों और घोषणापत्र के लिए पार्टी की तैयारी पर बात की।