केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, बेहतर मुद्रा प्रबंधन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक वर्ष 2022-23 में डिजिटल रुपया (डिजिटल करेंसी) जारी करेगा। इस घोषणा के बाद अब आरबीआई की डिजिटल मुद्रा का इंतजार खत्म होने वाला है और केंद्रीय बैंक 2022 में ही अपने डिजिटल मुद्रा लेकर आएगी। सीतारमण के अनुसार, यह अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करेगा। केंद्र सरकार का यह कदम ऐसे समय में आया है जब केंद्र क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक मजबूत नीति पर विचार कर रहा है। 13 नवंबर, 2021 को पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए आगे की राह पर एक बैठक की अध्यक्षता की और उसी के संबंध में भ्रामक गैर-पारदर्शी विज्ञापन के मुद्दे को हरी झंडी दिखाई।
सीबीडीसी को कौन लॉन्च करेगा?
भारतीय रिजर्व बैंक आगामी वित्तीय वर्ष से केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) लॉन्च करेगा। यह सीबीडीसी को लॉन्च करने की सरकार की योजना का अनुसरण करता है जिसे ब्लॉकचेन तकनीक द्वारा समर्थित किया जाएगा।
सीबीडीसी क्या है?
एक डिजिटल रूप में एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक कानूनी निविदा है। यह कागज में जारी एक फिएट मुद्रा के समान है और किसी भी अन्य फिएट मुद्रा के साथ विनिमेय है।
सीबीडीसी की आवश्यकता क्यों?
इन्वेस्टोपेडिया के अनुसार, लक्ष्य उपयोगकर्ताओं को पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली के डिजिटल के साथ-साथ विनियमित, आरक्षित-समर्थित परिसंचरण की सुविधा और सुरक्षा प्रदान करना है।
बजट घोषणा का क्या मतलब है?
बजट में घोषणा अनिवार्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी और अन्य आभासी मुद्राओं पर सरकार की मंशा को व्यक्त करती है। आरबीआई ने कई मौकों पर बिटकॉइन, ईथर, आदि जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, टैक्स चोरी आदि की चिंताओं को देखते हुए अपने स्वयं के सीबीडीसी की घोषणा करने की योजना बनाई है।