By रितिका कमठान | Apr 07, 2025
भारतीय रिजर्व बैंक सोमवार (7 अप्रैल) को अपनी द्विमासिक नीति बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में देश की बेंचमार्क ब्याज दरों यानी रेपो दर की समीक्षा होगी। इस बैठक ने रोपो दर पर फैसला किया जाएगा। यह वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होने वाली है। इस बैठक के परिणाम खासतौर से उधार दरों को बुधवार नौ अप्रैल को सार्वजनिक किया जा सकता है।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) हर दो महीने में बैठक करती है, जो सालाना कुल छह सत्र आयोजित करती है। मुद्रास्फीति के रुझान, तरलता के स्तर और अन्य व्यापक आर्थिक स्थितियों जैसे कारकों द्वारा निर्देशित ब्याज दर में बदलाव को निर्धारित करने में ये बैठकें महत्वपूर्ण हैं।
बाजार की अपेक्षाएं
उम्मीद है कि आरबीआई इस सप्ताह प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों तक की कटौती करेगा, क्योंकि मुद्रास्फीति में कमी के कारण अधिक उदार नीति दृष्टिकोण की गुंजाइश बनेगी। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह कदम वैश्विक आर्थिक चुनौतियों, विशेषकर अमेरिका द्वारा पारस्परिक टैरिफ की घोषणा के बाद बढ़ती चिंताओं के बीच उठाया गया है।
फरवरी में गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6.25 प्रतिशत पर ला दिया था। यह मई 2020 के बाद पहली दर कटौती और ढाई साल के अंतराल के बाद नीति में पहला बदलाव है।
फरवरी 2023 से आरबीआई ने रेपो दर - अल्पकालिक उधार दर - को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है। पिछली दर में कटौती मई 2020 में कोविड-19 अवधि के दौरान हुई थी, जिसके बाद दर को धीरे-धीरे बढ़ाकर अपने वर्तमान स्तर पर लाया गया।