भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपने निर्धारित कार्यकाल के पूरा होने से छह महीने पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 2017 में RBI ज्वॉइन किया था। विरल आचार्य का इस्तीफा देना RBI के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। फिलहाल उनके इस फैसले को लेकर यह कहा जा रहा है कि उन्होंने कुछ महीनों से आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के फैसलों से अलग अपना विचार रखना शुरू कर दिया था जिसके बाद एक टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। हालांकि उन्होंने इसे अपना निजी फैसला बताया है।
पिछले छह महीने में रिजर्व बैंक से इस्तीफा देने वाली आचार्य दूसरे बड़े पदाधिकारी हैं। इससे पहले दिसंबर 2018 में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार के साथ मतभेदों के कारण कार्यकाल पूरा होने से नौ महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। आरबीआई में अब तीन डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन, बी. पी. कानूनगो और एम. के. जैन बचे हैं।