By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 14, 2019
भुवनेश्वर। भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने शुक्रवार को शहरी सहकारी बैंकों के कामकाज और प्रवर्तन के ढांचे की समीक्षा की। पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव (पीएमसी) बैंक घोटाले की परिप्रेक्ष्य में यह समीक्षा की गई है। पीएमसी घोटाले से बड़ी संख्या में निवेशक प्रभावित हुए हैं। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाले केंद्रीय बोर्ड ने मौजूदा आर्थिक स्थिति पर भी विचार किया। साथ ही देश के समक्ष घरेलू और वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा की।
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केंद्रीय बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बोर्ड ने शहरी सहकारी बैंकों से संबंधित मुद्दों, प्रवर्तन नीति के विस्तार का सहकारी बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को इसके दायरे में लाने पर चर्चा की। पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं की संख्या 9.15 लाख है। यह घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं के लिए निकासी की सीमा तय की है।
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इस बैठक में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन, बी पी कानूनगो और महेश कुमार जैन तथा केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक...एन चंद्रशेखरन, भरत दोषी, सुधीर मांकड़, मनीष सभरवाल, अशोक गुलाटी, प्रसन्ना कुमार मोहंती, सतीश मराठे, स्वामीनाथन गुरुमूर्ति और रेवती अय्यर ने भी भाग लिया। वित्त सचिव राजीव कुमार भी बैठक में शामिल हुए।