By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 09, 2022
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के विरूद्ध सीबीआई के आरोपपत्र दाखिल करने के बाद उनका (राजद प्रमुख का) बचाव करने को लेकर नीतीश कुमार पर रविवार को निशाना साधा तथा कहा कि यह ‘शर्मनाक’ एवं ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि कैसे बिहार के मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी आंखें मूंद ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुमार भ्रष्टाचार के मामले में लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों का बचाव कर ‘ अपने जीवन की जमा-पूंजी से समझौता’ कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने राजद प्रमुख के रेल मंत्री के कार्यकाल से जुड़े एक मामले में उनके (लालू प्रसाद के) विरूद्ध केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा आरोपपत्र दाखिल करने पर शनिवार को नाखुशी जताई थी। कुमार ने कहा था, ‘‘ उस मामले में कुछ नहीं निकला। अब मैं इस महागठबंधन में वापस आ गया हूं तो नयी चीजें शुरू हो गई हैं। क्या यही तरीका है? ऐसा जान पड़ता है कि वे मनमर्जी कर रहे हैं। ’’ कुमार जांच एजेंसियों के माध्यम से राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई किये जाने का परोक्ष रूप से हवाला दे रहे थे। वह अब महागठबंधन में हैं जिसमें उनकी पार्टी जदयू, राजद और कांग्रेस घटक दल हैं। जनता दल (यूनाइटेड) पर पलटवार करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा,‘‘यह ‘शर्मनाक’ एवं ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि कैसे मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी आंखें मूंद ली है। वह 2017 में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर खुद ही अलग हुए थे और अब वह ऐसा बोल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ नीतीश कुमार को कानून को अपना काम करने देना चाहिए तथा उसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। ’’
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि राजद सुप्रीमो , उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बड़ी बेटी एवं राज्यसभा सदस्य मीसा भारती समेत 14 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। सीबीआई ने रेलवे में ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले के सिलसिले में शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निजी सचिव से पूछताछ भी की थी। यह कथित घोटाला उस वक्त हुआ था जब तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद रेलमंत्री थे। कुमार अगस्त में भारतीय जनता पार्टी से अलग हो गये थे और महागठबंधन में लौट गये थे।