By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 16, 2020
जयपुर। अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में पद से बर्खास्त किए गए विधायक रमेश मीणा ने बुधवार को मुख्यमंत्री पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि जनप्रतिनिधियों के काम नहीं हो रहे और राज्य में नौकरशाही हावी है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व दो और मंत्रियोंविश्वेंद्र सिंह तथा रमेश मीणा को मंगलवार को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया था। मीणा का एक वीडियो बुधवार को पायलट के मीडिया व्हाटसएप ग्रुप में शेयर किया गया। इसमें मीणा, मुख्यमंत्री गहलोत के एक बयान का जिक्र करते हुए कह रहे हैं, मैं यह कहना चाहता हूं कि जो लोग इनसे असंतुष्ट थे, इनकी कार्यशैली से इनके कामकाज से ...पूरे राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी हावी थी और काम जन प्रतिनिधियों के नहीं हो रहे थे। मीणा ने आगे कहा, हमने जो मांगें रखी जो हमने बातें रखीं, कैबिनेट में भी रखीं उन पर मुख्यमंत्री ने ध्यान नहीं दिया और तानाशाही रवैया अपनाया, जो लोकतंत्र कायम होना चाहिए सरकार में उसको उन्होंने स्थापित नहीं होने दिया।
मुख्यमंत्री गहलोत ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त के प्रयास हो रहे थे और उनके पास इसके सबूत हैं। इस ग्रुप में कांग्रेस के एक और बागी विधायक मुरारी लाल मीणा का भी वीडियो डाला गया है। इसमें मुरारी लाल कह रहे हैं, आज जिस तरह से हम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए इससे हमें बड़ा धक्का लगा।हमें बड़ा दुख है मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि जब हम उनकी पिछली सरकार के कार्यकाल में बसपा से कांग्रेस में आए तो उनसे कितने पैसे लिए थे। जो उस समय ईमानदार थे वे आज भ्रष्ट कैसे हो गए। इन विधायक के अनुसार हमारी उनसे नाराजगी का एक कारण तो हमारा स्वाभिमान है। वे हमें डराना चाहते हैं लेकिन हमारे संस्कार नहीं हैं डरने के। वहीं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव व राज्यसभा सदस्य मूल चंद मीणा ने पार्टी अध्यक्ष से इस मामले व भ्रष्टाचार की जांच करावाने की मांग की है। मीणा के अनुसार पार्टी ने सचिन पायलट को सब कुछ दिया लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पार्टी से दगा किया।