Prabhasakshi Newsroom | 'अयोध्या का राम मंदिर बेकार है, मंदिर का पूरा नक्शा खराब है...', समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव के बयान से खड़ा हुआ विवाद

By रेनू तिवारी | May 07, 2024

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग के दौरान राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से चर्चा का विषय बना हुआ है। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है। जिसके कारण एक बार फिर से  राम मंदिर का मुद्दा गरमा गया है। राम गोपाल यादव के इस बयान पर भाजपा आक्रामक हो गयी है। शहजाद पूनेवाला ने करारा जवाब देते हुए राम गोपाल यादव के बयान की आलोचना की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए कहा कि INDI गठबंधन द्वारा राम मंदिर पर चौंकाने वाली और सबसे अपमानजनक टिप्पणी में सपा नेता रामगोपाल यादव का कहना है यह 'बेकार' है, इसकी संरचना सही नहीं है''उसी आरजीवाई ने राम भक्ति के लिए "पाखंड" कहा था और उनकी पार्टी का राम भक्तों पर गोलीबारी का इतिहास है। हिंदू विरोधी चेहरा और भारतीय गठबंधन का एजेंडा दिन के उजाले की तरह स्पष्ट है।


सपा नेता रामगोपाल यादव का विवादित बयान: 'राम मंदिर बेकार है'

राम मंदिर के बारे में सपा नेता राम गोपाल यादव की हालिया अपमानजनक टिप्पणी से उत्तर प्रदेश में हिंदुओं में आक्रोश फैल गया है। पहले मंदिर से परहेज करने के लिए उनकी आलोचना की गई थी, अब उन्हें इसे "बेकार" करार देने और इसकी संरचना की आलोचना करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यह पहली बार नहीं है जब यादव और उनकी पार्टी हिंदू भावनाओं से टकराई हो, उनका भड़काऊ टिप्पणियों का इतिहास रहा है। 

 

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आपको बता दे कि  तीसरे चरण में केंद्रीय मंत्री एस. पी. सिंह बघेल (आगरा), उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह (मैनपुरी) और राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि (हाथरस) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। लोकसभा चुनाव का यह दौर समाजवादी पार्टी के यादव परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है। डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट को बरकरार रखने के लिये प्रयास कर रही हैं, जिसे उन्होंने अपने ससुर और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में जीता था। सपा के मुख्य राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद सीट को फिर से हासिल करने की कोशिश करेंगे। इस सीट को उन्होंने 2014 में जीता था। बदायूं लोकसभा सीट से चुनावी शुरुआत कर रहे आदित्य यादव सपा का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट को जीतना चाहेंगे।

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वर्ष 2014 में बदायूं सीट पर आदित्य के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने जीत हासिल की थी। तीसरे चरण के चुनाव में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रहे कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह एटा संसदीय क्षेत्र से हैट्रिक बनाने की उम्मीद कर रहे हैं। बरेली में मुख्य मुकाबला भाजपा के छत्रपाल सिंह गंगवार और सपा के प्रवीण सिंह ऐरन के बीच है। इस सीट पर बसपा उम्मीदवार मास्टर छोटे लाल गंगवार का नामांकन पत्र खारिज हो गया है।






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