By अंकित सिंह | Mar 14, 2022
पांच राज्यों में चुनावी नतीजे आ गए हैं। इन पांचों राज्यों में सरकार गठन की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। चार राज्यों में भाजपा ने अपनी सत्ता को बरकरार रखा है जबकि पंजाब में बदलाव देखने को मिला है। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों पर ही हमने प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में चर्चा की। हमेशा की तरह इस कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। चुनावी नतीजों को लेकर ही हमने पहला सवाल यही पूछा कि क्या जिस तरीके के नतीजे आए हैं ऐसा पहले से अनुमान था या कोई बड़ा उलटफेर हुआ है? हालांकि सवाल का जवाब देने से पहले नीरज दुबे ने इस बात का भी जिक्र किया कि काफी दिनों के बाद हम लोग एक साथ में बैठ रहे हैं। जाहिर सी बात है कि कोरोनावायरस के मामलों में कमी आई है और साथ ही साथ चुनावी खत्म हो चुके हैं। नीरज दुबे ने कहा कि चुनावी नतीजों पर चर्चा करें उससे पहले चुनाव परिणाम के बाद जिस तरीके की गतिविधि शुरू हुई है उस पर चर्चा करना जरूरी है। नीरज दुबे ने कहा कि थोड़ी सी चिंता जरूर होती है क्योंकि जो हमारे संवैधानिक निकाय हैं उन पर जो सवाल उठाए जाते हैं, यह गलत है। दरअसल, ममता बनर्जी ने हाल में ही कहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत जनादेश नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने ईवीएम पर सवाल उठाए थे।
इसी को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि अभी आज से ठीक कुछ महीने पहले आपको एकतरफा जीत मिली तो यह ईवीएम सही था और उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत हो गई तो ईवीएम कैसे गलत हो सकता है। उन्होंने कहा कि लगातार ममता बनर्जी तीसरी बार इसी ईवीएम की बदौलत मुख्यमंत्री बनी हैं। फिर यह कैसे गलत हो सकता है। हमारे चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा वैश्विक रूप से ज्यादा है। इसे धूमिल करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि हमारे चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा है और हम ही उस प्रतिष्ठा को गिराएंगे तो यह लोकतंत्र के हित में नहीं है। इन पांच राज्यों के चुनाव में आयोग की ओर से दिन-रात मेहनत की गई है। आप एक सवाल की वजह से सभी की मेहनत पर पानी फेरने की कोशिश कर रही हैं। चुनावी परिणाम की बात करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि जिस तरीके से पांच राज्यों में चुनावी नतीजे आए हैं, वह अपेक्षा के अनुरूप ही रहे। उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही ऐसा लग रहा था कि 4 राज्यों में भाजपा बनी रहेगी। गोवा को लेकर कांटे की टक्कर जरूर बताई जा रही थी लेकिन वहां भी पार्टी ने एकतरफा जीत हासिल की है। वहीं पंजाब को लेकर पहले ही कहा जा रहा था कि कांग्रेस इस बार कमजोर हो चुकी है और वहां आम आदमी पार्टी की सरकार बन सकती है और ऐसा ही कुछ पंजाब में हुआ है।
उत्तर प्रदेश की बात करते हुए नीरज दुबे ने भाजपा की जीत के बड़े कारण भी बताएं। दरअसल, नीरज दुबे खुद चुनावी कवरेज के लिए उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में गए थे और उन्होंने जो कुछ भी अनुभव किया प्रभासाक्षी के कार्यक्रम में साझा भी किया। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आ चुके हैं जैसा कि दिख रहा है कि समाजवादी पार्टी के वोट प्रतिशत में काफी इजाफा हुआ है। बीजेपी के भी वोट प्रतिशत में इजाफा जरूर हुआ है लेकिन सीटें कम हो गई है। उनका उत्तर प्रदेश में महिला वोटर बीजेपी के साथ थीं। अगर घर का पुरुष बीजेपी के खिलाफ भी है, बावजूद इसके उस घर की महिला बीजेपी के पक्ष में थीं। यह स्थिति पूरी तरीके से उत्तर प्रदेश में स्पष्ट थी। समाजवादी पार्टी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो उत्तर प्रदेश के मुस्लिम वोटर थे, उनका वोट सपा को एकतरफा गया है। इसके अलावा जो लोग बेरोजगारी की बात करते हैं, उन्होंने भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी की नाराजगी और पेंशन स्कीम की वजह से सपा को अधिकारियों के भी वोट मिले हैं। भाजपा को राष्ट्रवाद और कानून व्यवस्था के नाम पर वोट पड़े हैं। किसान आंदोलन उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा मुद्दा नहीं था। राशन और प्रशासन के दम पर ही भाजपा सत्ता में लौटी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक, अमित शाह से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक, सभी उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का जिक्र खूब कर रहे थे और दावा कर रहे थे कि भाजपा सरकार में उत्तर प्रदेश की महिलाएं सुरक्षित हैं। बुलडोजर बाबा और मुख्तार अंसारी तथा अतीक अहमद जैसे लोगों को जेल में डालने की बात से भी भाजपा को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद से लेकर बलिया तक, हर आदमी इस बात को स्वीकार कर रहा था कि योगी बाबा के राज्य में कानून व्यवस्था सुधरी है। महीने में दो बार राशन लोगों को भाजपा के पक्ष में करने में काफी कामयाब रहा। लोगों का कहना था कि रोजगार नहीं था, बावजूद इसके मोदी जी ने हमें भूखा सोने नहीं दिया। लोगों को खाने की समस्या नहीं थी और यही कारण था कि लोग भाजपा के पक्ष में रहे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर मिले हैं। केंद्र और राज्य की सरकारों का सीधा लाभ जनता तक पहुंच रहा है जोकि भाजपा के लिए बड़ी चीज रही। सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के सभी तक पहुंच रहा है। नीरज दुबे ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव ने बढ़िया तरीके से चुनाव लड़ा लेकिन वह आखरी के छह महीनों में सक्रिय हुए। जब उन्हें इस बात का आभास हुआ कि सरकार के खिलाफ माहौल बन रहा है तभी अखिलेश ने अपनी सक्रियता भी बढ़ाई। हालांकि पिछले 5 सालों में वह जनता के बीच इतने सक्रिय नहीं थे जितने कि चुनाव से 6 महीने पहले हुए हैं।
नीरज दुबे ने कहा कि 'जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे' इस गाने ने उत्तर प्रदेश में पूरा नैरेटिव सेट कर दिया था। इससे उत्तर प्रदेश में एक अलग माहौल बन गया था। लोगों को लग रहा था कि सनातन संस्कृति को संजीवनी भाजपा ने प्रदान की है। ऐसे में भाजपा के पक्ष में ही माहौल बनता चला गया। उन्होंने कहा कि अयोध्या और बनारस के विकास के बाद वहां स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं बनी है। लोगों को रोजगार मिल रहा है और वहां की जनता खुश है। इस चुनाव में राम बहुत बड़े फैक्टर थे। भले ही भाजपा यह दावा करती हो कि हम राम के नाम की राजनीति नहीं करते हैं बावजूद इसके इस बार के चुनाव में राम मंदिर बड़ा मुद्दा था। नीरज दुबे ने एक लाइन में कह दिया कि राम, राशन और प्रशासन के नाम पर भाजपा ने जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि 5 साल का योगी आदित्यनाथ का काल काल दंगा मुक्त रहा। लोगों के अंदर आत्म सुरक्षा का भाव आया।
पंजाब की बात करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि वहां तो AAP की आंधी चली है और बड़े-बड़े दिग्गज चुनाव हार गए। चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल जैसे बड़े-बड़े सूरमा चुनाव हार गए। उन्होंने कहा कि पंजाब में केजरीवाल की मुक्त पॉलिटिक्स हिट हो गई है और यही कारण है कि वहां की जनता ने AAP को वोट दिया। नीरज दुबे ने कहा कि पंजाब की ज्यादा आबादी दिल्ली आती जाती रहती हैं। ऐसे में दिल्ली के कामकाज का प्रचार प्रसार पंजाब में भी आसानी से हो जाता है। किसान आंदोलन के दौरान केजरीवाल सरकार ने पंजाब से आए किसानों को हर तरह की सुविधाएं प्रदान की थी जिसकी वजह से पंजाब में उन्हें जीत मिली है। उत्तराखंड चुनावी नतीजों पर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि यहां सिर्फ और सिर्फ मोदी फैक्टर है। मोदी के दम पर ही भाजपा ने जीत हासिल की है। मणिपुर की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस राज्य में नाकाबंदी एक बड़ी समस्या थी। भाजपा ने इसे खत्म किया और वहां डेवलपमेंट के कई कार्य किए है। भाजपा ने मणिपुर में भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का दावा किया जिस पर जनता ने एक बार फिर से मुहर लगा दिया है।
गोवा की बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रमोद सावंत अपनी सीट को बचाते-बचाते जीते हैं। ऐसे में उन्हें भी अपने क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस के मैनेजमेंट की बदौलत ही गोवा में इस बार भाजपा 20 सीटों पर पहुंच गई है जो कि पहले से बहुत ज्यादा है। कई विकल्प होने के बावजूद भी लोगों ने वहां भाजपा पर भरोसा जताया है। तो इसका मतलब साफ है कि लोगों को मोदी पर विश्वास है। छोटे राज्यों में 7 सीटों की बढ़ोतरी अपने आप में बड़ी बात है।
- अंकित सिंह