By रितिका कमठान | Apr 15, 2024
उत्तर प्रदेश के अयोध्या के लिए वर्ष 2024 बेहद खास है क्योंकि ये पहला मौका है जब रामलला भव्य राम मंदिर में रामनवमी मनाएंगे। राम मंदिर में जनवरी 2024 में हुई प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली बार यहां रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दौरान राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में भक्त आएंगे। इसके लिए भव्य स्तर पर तैयारियां भी की गई है। संभावना है कि राम मंदिर में इस दौरान 25 लाख राम भक्त पहुंच सकते है।
राज्य सरकार ने राम मंदिर में रामनवमी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की हुई है। राम नवमी को लेकर नौ अप्रैल से ही मेला लगा हुआ है, जिसका समापन 17 अप्रैल को किया जाएगा। इस रामनवमी को लेकर पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े उपाय किए हुए है। राम नवमी के लिए मेला मैदान को भी सात जोन और 39 सेक्टर में बांटा गया है। ट्रैफिक को भी दो जोन और 11 क्लस्टर में विभाजित किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मेले के दौरान संपूर्ण मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 11 अपर पुलिस अधीक्षक, 26 पुलिस उपाधीक्षक, 150 निरीक्षक, 400 उप निरीक्षक, 25 महिला उप निरीक्षक, 1305 मुख्य आरक्षी/आरक्षी, 270 महिला मुख्य आरक्षी/आरक्षी, 15 कंपनी पीएसी, बाढ़ राहत की दो कंपनी, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की एक टीम व आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की एक टीम को अतिरिक्त तैनात किया गया है। बयान के मुताबिक, संपूर्ण मेला क्षेत्र में 50 स्थानों पर पीए सिस्टम स्थापित किए गए हैं व विभिन्न स्थानों पर स्थापित 111 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से येलो जोन कंट्रोल रूम से निरंतर निगरानी की जा रही है।
बयान में बताया गया कि इसके अतिरिक्त सरयू नदी व राम की पैड़ी पर सुरक्षा के लिए जल पुलिस, विभिन्न मंदिरों व मेला क्षेत्र में पुलिस एवं पीएसी बल की व्यवस्था की जाएगी। अयोध्या धाम में चारों तरफ विभिन्न स्थानों पर 24 एएनपीआर कैमरों के माध्यम से वाहनों एवं श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन किया जाएगा। बयान के मुताबिक, अयोध्या धाम क्षेत्र में विभिन्न कंट्रोल रूम में स्थापित कुल 560 कैमरों के माध्यम से श्रद्धालुओं की आवाजाही की निगरानी की जाएगी। बयान में बताया गया कि नागेश्वर नाथ, हनुमान गढ़ी, श्री राम जन्मभूमि, कनक भवन, अयोध्या रेलवे स्टेशन, जैसे जैसे प्रमुख स्थानों पर एम्बुलेंस और बचाव दल तैनात रहेंगे।