By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 08, 2019
जम्मू। भाजपा महासचिव राम माधव ने सोमवार को कहा कि हुर्रियत कांफ्रेंस, केंद्र के साथ बातचीत के लिए शर्ते नहीं थोप सकता और आतंकवाद एवं अलगावाद का समर्थन करने वालों से सरकार संवाद नहीं करेगी। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा हुर्रियत के साथ संवाद की वकालत संबंधी सवाल पर माधव ने कहा, ‘‘हुर्रियत, भारत सरकार को यह नहीं कह सकता कि कब बात की जाए या कब नहीं की जाए।’’ उन्होंने कहा कि दो साल पहले तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उससे बातचीत की पेशकश की थी और दिनेश्वर शर्मा कश्मीर घाटी के सभी वर्गों के साथ बातचीत के लिए विशेष वार्ताकार नियुक्त किये गये थे। उन्होंने कहा, ‘‘उस वक्त, हुर्रियत बातचीत के लिए आगे आने को इच्छुक नहीं था। वह भारत सरकार के लिए बातचीत की शर्तें, समय और हर चीज तय नहीं कर सकता या थोप नहीं सकता।’’
माधव ने कहा, ‘‘ जहां तक हमारी बात है तो यह गृह मंत्रालय का विशेषाधिकार और निर्णय है। जो लोग भारत के संविधान के विरूद्ध हैं और जो लोग आतंकवादियों के समर्थन में है और अलगाववाद फैलाते हैं, उनसे संवाद नहीं किया जाएगा। यह हमारी पार्टी का मत है।’’ उन्होंने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाने के पार्टी के निश्चय को दोहराया और उम्मीद प्रकट की कि भाजपा अपने मित्रों की मदद से राज्य में अगली सरकार बनायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ आप सभी इन अनुच्छेदों पर भाजपा के वैचारिक रूख को जानते हैं। यह स्पष्ट है कि हम इन्हें हटाना चाहते हैं। इन अनुच्छेदों को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी। उच्चतम न्यायालय पहले से ही अनुच्छेद 35 ए पर सुनवाई कर रहा है जिसे अवैध तरीके से संविधान में शामिल किया गया था। आशा है कि इसे हटाने पर निर्णय लिया जाएगा।’’
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भाजपा नेता ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नागरिक यातायात पर आंशिक पाबंदी लगाने का भी बचाव किया और कहा कि प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा सुचारूपूर्ण तरीके से पूरी करने के लिए ऐसा किया है। उन्होंने मुख्य धारा के दलों से 46 दिनों की इस यात्रा के शांतिपूर्ण संपन्न होने में राज्यपाल शासन का समर्थन करने की अपील की। प्रशासन ने जम्मू श्रीनगर राजमार्ग के काजीगुंड नासरी खंड पर दिन में दस बजे से साढ़े तीन बजे तक नागरिक यातायात पर रोक लगा दी है ताकि अमरनाथ यात्रियों को लेकर जा रहे वाहन बिना किसी घटना के गुजर जाएं।इस फैसले का नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और माकपा ने विरोध किया है।