By अंकित सिंह | Jan 22, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के लिए पहुंचे हैं। वह राम लला की मूर्ति की “प्राण प्रतिष्ठा” में भाग लेंगे। समारोह के बाद पीएम मोदी एक सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मंदिर निर्माण से जुड़े 'श्रमजीवियों' (श्रमिकों) से भी बातचीत करेंगे। वर्तमान में देखें तो मोदी गर्भगृह में पहुंच चुके हैं और “प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरू हो चुका है। मोदी ने कहा कि अयोध्या धाम में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण हर किसी को भाव-विभोर करने वाला है। इस दिव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरा परम सौभाग्य है। जय सियाराम!
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने पहुंचे। उनके बच्चे ईशा अंबानी और आकाश अंबानी भी अपने-अपने जीवनसाथी के साथ मंदिर में मौजूद थे। इस ऐतिहासिक पल के लिए मंदिर के साथ अयोध्या नगरी को भी खासतौर से सजाया गया है। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए नागर शैली में बने राम मंदिर की छटा देखते ही बन रही है। मंदिर बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है कि भक्तों की निगाहें इससे नहीं हट रही। बता दें कि रामलीला की मूर्ति का निर्माण मैसूर की मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा किया गया है। राम लला की 51 इंच की मूर्ति को गुरुवार को ही मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थापित किया गया था। इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेने के लिए कुल 14 जोड़ों को यजमान बनाया गया है।
- राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा की ओर से होगा। दक्षिण दिशा से भक्त निकास कर सकेंगे। मंदिर की संरचना तीन मंजिला है। भक्त पूर्वी दिशा से 32 सीढ़िया चढ़कर मुख्य मंदिर में पहुंच सकेंगे।
- राम मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। यह मंदिर तीन मंजिला है जिसमें हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। मंदिर में 392 खंबे और 44 द्वार बनाए गए हैं।
- मंदिर में कुल पांच मंडपों का निर्माण किया गया है, नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप है।
- रामलला को गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा जो की ग्राउंड फ्लोर पर बना है। पहली मंजिल पर भगवान राम का दरबार सजाया जाएगा। मंदिर में खभों और दीवारों पर देवी देवताओं की मूर्तियों उकेरी गई है।
- मंदिर के पास एक सीता को ऊपर भी देखने को मिलेगा जो की पौराणिक काल का है। परिसर के हर कोने में सूर्य, भगवती, गणेश और शिव के मंदिर भी बनाए जाएंगे। परिसर के दक्षिणी हिस्से में अन्नपूर्णा और - हनुमान जी का मंदिर होगा। महर्षि वशिष्ठ, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, निषाद राज, शबरी और अगस्त्य के मंदिर भी प्रस्तावित है।
- मंदिर की खासियत है कि यह लोहे का प्रयोग नहीं हुआ है। धरती के ऊपर किसी तरह के कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं हुआ है। मंदिर के नीचे नेम डालने के लिए 14 मीटर मोटी रोलर कंपैक्टेड कंक्रीट बिछाई गई है। इसे एक नकली चट्टान का स्वरूप दिया गया है।