इसके अलावा अक्टूबर 2023 में संयुक्त सचिवों के स्तर पर भारत और ब्रिटेन के बीच 2+2 विदेश और रक्षा वार्ता की पहलीबैठक हुई थी। रॉय-चौधरी ने कहा, ‘‘ब्रिटेन अब भारत के शीर्ष पांच रणनीतिक साझेदारों में से एक नहीं है। हालांकि, रोल्स-रॉयस के साथ एयरो-इंजन पर चल रही परियोजनाओं की आपूर्ति के माध्यम से एक मजबूत भारत-ब्रिटेन रक्षा तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी की शुरुआत हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान ब्रिटेन के प्रमुख हथियार निर्माण स्थलों में से एक का दौरा करने की भी संभावना है।’’
भारतीय रक्षा मंत्री की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक हिंसा को लेकर भारत ने चिंता व्यक्त की है। इसके अलावा भारत को ब्रिटेन की रक्षा आपूर्ति पर कुछ विवादास्पद ऐतिहासिक मुद्दों पर भी बातचीत होने की उम्मीद है। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि मंत्री स्तर पर बातचीत के इस अवसर के साथ, रक्षा क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत एजेंडे के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए।